यात्रा : इस शहर में है भोलेनाथ का दिव्य मंदिर जिसे दूसरी काशी के नाम से भी जाना जाता है, जरूर करें दर्शन !
कानपुर को औद्योगिक नगरी के नाम से जाना जाता है। लेकिन यहां की भक्ति अपने आप में प्रसिद्ध है। यहां पर जाजमऊ चमड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन यही जाजमऊ में जो मुस्लिम बहुलक इलाका है। यहीं पर बाबा सिद्धनाथ ने अपना दरबार सजाया हुआ है। बाबा सिद्ध नाथ के धाम में क्या हिंदू ही नहीं मुस्लिम भी बाबा के दर्शनों के लिए आते है और अपनी हर एक मनोकामना पूरी करने के लिए बाबा से प्रार्थना करते हैं।
इस मंदिर की मान्यता है कि जो भी बाबा के दरबार आकर एक हजार बार ॐ नमः शिवाय का जाप करता है उसकी हर मनोकामना या हर मुश्किल से मुश्किल काम बाबा पूरा कर देते हैं। महादेव की कृपा से उनके परिवार पर हमेशा बनी रहती है।
कहां जाता है कि त्रेता युग में ययाति नाम के एक राजा थे जिनके पास 1000 गायें थी। उनमें से एक पास पांच थन थे वह रोज टीले पर जाती थी और वहां उसके थन से अपने आप ही दूध की धारा निकलने लगती थी। उसके बाद ही राजा ने उस स्थान सिद्धनाथ शिव मंदिर की स्थापना कराई थी।
कहा तो यह भी जाता है कि एक रात राजा को स्वप्न में बाबा ने कहा कि यहां पर 100 यज्ञ कराए जाए। उसके बाद यह धाम काशी के नाम से प्रसिद्ध होगा। राजा ने बाबा के आदेश के अनुसार यहां पर 100 यज्ञ कराएं। 100 में से 99 यज्ञ तो पूरे हो गए लेकिन एक यज्ञ अधूरा रह गया क्योंकि एक कव्वे ने यज्ञ कुंड में हड्डी का टुकड़ा डाल दिया था जिससे यज्ञ खंडित हो गया।जिससे इसे काशी कीसंज्ञा तो नहीं मिल बाबा सिद्धनाथ के इस को दूसरे काशी के नाम से भी पुकारा जाता है।