कारोबार

चीन की नकल कर नहीं बन सकते दुनिया का अगला मैन्युफैक्चरिंग हब- अमिताभ कांत

नई दिल्ली। देश कभी भी चीन की नकल कर दुनिया का अगला मैन्यूफैक्चरिंग हब नहीं बन सकता यह बात सीआइआइ के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कही। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत को उन क्षेत्रों की तरफ नहीं देखना चाहिए, जिनमें पहले से ही चीन का वर्चस्व है। सीआइआइ के कार्यक्रम में कांत का कहा कि देश को विकास के उभरते मौकों को पकड़ना होगा जिससे वह दुनिया का नेतृत्व कर सके।

खुद के लिए उद्योग जगत को महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखने होंगे। (नई दिल्ली) उसे ग्रीन हाइड्रोजन, उच्च गुणवत्ता वाली बैटरी तथा एडवांस्ड सोलर पैनल के क्षेत्र में बेहतर बनना होगा। सोलर एनर्जी क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं कि पांच सालों में सोलर एनर्जी का दाम एक रुपये/यूनिट भी हो सकता है। नीति आयोग के आकलन के मुताबिक कांत ने कहा कि लगभग 500 गीगावाट ग्रीन हाइड्रोजन तथा ग्रीन अमोनिया का अमेरिका तथा यूरोप आयात करेंगे। ऐसे में 2030 तक देश को कम से कम 200 गीगावाट निर्यात का प्रयोजन रखना चाहिए।

प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहना होगा

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया है किहमें भी उदार दिल दिखाते हुए किसी भी देश के साथ मुक्त व्यापार समझौता करना होगा। यह संभव नहीं है कि उनके उत्पादों के लिए हम छूट न दे तथा उनसे एफटीए डील कर लें। इसलिए हमें किफायती होना पड़ेगा। साथ ही अपने उत्पादों की गुणवत्ता को भी बढ़ाना होगा।

पीयूष गोयल ने कहा कि हम सभी चीजों में हम किफायती एवम गुणवत्ता वाले हो नहीं सकते। 12-13 साल पहले यूरोपीय संघ के साथ एफटीए वार्ता की शुरु की गई थी तथा सदस्य देशों की शराब के लिए उस संघ ने अपने भारतीय बाजार को खोलने की डिमांड की थी। भारतीय शराब निर्माताओं ने उस पर विरोध जताया था। हाल ही में हुई एफटीए की ब्रिटेन के साथ चली चर्चा में भी ब्रिटेन की सस्ती शराब आने से शराब निर्माताओं ने भारतीय शराब उत्पादन पर विपरीत असर पड़ने की आशंका जताई थी।

इन दिनों भारत की यूएई के साथ एफटीए वार्ता चल रही है।भारत ने ब्रिटेन और अमेरिका के साथ भी एफटीए वार्ता की पहल है। गोयल ने सीआइआइ कार्यक्रम में उद्यमियों से कहा कि उन्हें घरेलू उत्पादों की खरीदारी को अहमियत देनी चाहिए। चाहे वह थोड़ी महंगी ही क्यों न मिले। जापान और कोरिया से उन्होंने उद्यमियों को सीखने के लिए कहा। ये लोग घरेलू उत्पाद खरीदना उचित मानते हैं। कारपोरेट जगत से गोयल ने कहा कि भारतीय वस्तुओं की खरीदारी जब वे करेंगे तब ही एमएसएमई का भला होगा।

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