
गंगा घाट पर अस्तांचल सूर्य को अर्घ देने पहुंचेगी महिलाएं, उत्तराखंड सीएम ने दी छठ की बधाई
हरिद्वार। छठ पूजा के महापर्व की छठ व्रती महिलाओं का निर्जला ने बुधवार को भी जारी रहा है। बीते मंगलवार की शाम को महिलाओं ने सूर्य की उपासना करते हुए महिलाओं ने गुड़ और चावल से बनी खीर खाकर पूजा संकल्प लिया था। आज बुधवार की शाम को व्रती महिलाएं अस्तांचल सूर्य को पहला अर्घ दिया जाएगा। गुरुवार की प्रातः सूर्य को अर्घ्य देकर महिलाएं जल और अन्न ग्रहण करेगी।
इसके साथ ही महिलाओं प्रार्थना की हे छठी मईया हम सब उत्तराखंडवासियों का सदैव कल्याण करें। इस व्रत की शुरुआत मंगलवार को सूर्य उपासना कर के छठ नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया था। चार दिवसीय इस महापर्व से पहले हरिद्वार में गंगा की घाटों और लोगों ने साफ-सफाई की है। राज्य के लगभग सभी जिलों के पूर्वा सांस्कृतिक मंच से जुड़े छठ व्रतियों ने छठी मईया से उत्तराखंड का कल्याण व सुख समृद्धि की कामना करते हुए पूजा-अर्चना की।
हे छठी मईया हम सब उत्तराखंडवासियों का सदैव कल्याण करें। मां से इस प्रार्थना के साथ सभी ने खरना का प्रसाद चढ़ाया और प्रसाद लिया। खरना की खीर खाने के बाद अब छठ व्रत रखने वाले श्रद्धालु गुरुवार सुबह का अर्घ्य देकर ही पानी अन्न ग्रहण करेंगे। ठंड में पानी में एक घंटे तक खड़े होकर सूरज को अर्घ्य देना व्रतियों के कठिन घड़ी होगी। ऐसे में श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो इसे देखते हुए पूर्वा सांस्कृतिक मंच ने 15 घाटों पर चिकित्सकों की तैनाती का निर्णय लिया।
सीएम ने दी छठ की बधाई
राज्य के सीएम धामी ने छठ पूजा पर प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि, “सूर्योपासना का यह पर्व हमें प्रकृति से जुड़ने का संदेश देता है। सूर्य की आराधना प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधनों की आराधना हैं। उन्होंने कहा कि लोक आस्था से जुड़ा यह महापर्व हमें सात्विकता एवं स्वच्छता का भी संदेश देता है।”