छत्तीसगढ़ की महिलाएं बना रहीं इको फ्रेंडली राखी, बाकियों के लिए बनीं मिसाल
इन महिलाओं ने इको फ्रेंडली राखी बनाई है। सब्जियों के बीज, धान और बांस से राखियां बनाई है।
इंसान के पास कारीगरी का हुनर हो तो वह किसी भी आर्थिक मुसीबत का सामना कर सकता है। अगर आप में हुनर है तो कोई रोक नहीं सकता और आपका हुनर खुद ही अपना रास्ता बना लेता है। छत्तीसगढ़ की कुछ महिलाओं ने ऐसा ही कमाल करके दिखाया है। इन महिलाओं ने कुछ ऐसा किया है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगें। ये सभी महिलाएं छत्तीसगढ़ में एक सेल्फ हेल्फ ग्रुप का हिस्सा हैं। इन महिलाओं का यह हुनर रक्षा बंधन के त्यौहार को खास बना रहा है।
ये महिलाएं समाज की उन महिलाओं के लिए मिसाल हैं, जो किसी कारण से विकास के रास्ते पर कहीं पीछे छूट गई हैं। इन महिलाओं ने इको फ्रेंडली राखी बनाई है। सब्जियों के बीज, धान और बांस से राखियां बनाई है। इन राखियों में प्लास्टिक जैसी पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों का इस्तेमाल नहीं किया गया है। सारी ऑर्गेनिक चीजों का इस्तेमाल किया गया है।
इस ग्रुप की एक सदस्य लता साहू के मुताबिक, पिछले साल इन महिलाओं ने 5000 राखियां बनाई थी, जिससे इन्होंने एक लाख रुपये की कमाई की थी। इस साल ये महिलाएं 90,000 रुपये की कमाई कर चुकी हैं। अभी रक्षा बंधन के त्योहार में कुछ वक्त बचा है और ऐसे में इन स्वयं सेवी महिलाओं के पास कमाई करने का मौका है।
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