धारा 370 हटने से जम्मू कश्मीर के सुधरे हालात, बेरोजगारी 20% घटकर हुई इतनी
जम्मू कश्मीर । धारा 370 लागू होने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में कई तरह के बदलाव आए हैं। वहीं अब तीन महीने के बाद बेरोजगारी दर में गिरावट दर्ज की गयी है। दरअसल बीते साल 2021 में सितंबर से नवंबर तक बेरोजगारी दर 20 फीसदी से ज्यादा थी,। जो दिसंबर में घटकर 15 फीसदी हो गयी है। औसतन 4-5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडिया इकोनॉमी (सीएमआईई) ने दिसंबर 2021 के आंकड़े जारी किए हैं। जिसमें बेरोजगारी दर में कमी बताई गई है।
15% के साथ चौथे स्थान पर
दिसंबर के बेरोजगारी आंकड़ों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर 15 फीसदी दर के साथ देश में चौथे स्थान पर है। वहीं हरियाणा (34.1) फीसदी बेरोजगारी दर के साथ देश में पहले स्थान पर है। जम्मू-कश्मीर में 2021 में बेरोजगारी दर चिंताजनक रही है। सीएमआईई के आंकड़ों की मानें तो, प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने में फेल रही है।
अक्तूबर में सबसे ज्यादा, मार्च में रही कम
अक्तूबर में साल की सर्वाधिक 22.2 फीसदी बेरोजगारी दर रही। वहीं सालभर में सबसे कम बेरोजगारी दर मार्च में 9.5 फीसदी रही। नवंबर में 21.2 फीसदी और दिसंबर में 15 फीसदी रही। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडिया इकोनॉमी के पिछले साल के आंकड़े बताते हैं कि, साल 2021 में साल 2020 के मुकाबले ज्यादा बेरोजगारी रही। 2020 में सिर्फ जनवरी और फरवरी में ही बेरोजगारी दर 20 से अधिक थी, जबकि 2021 में 4 महीने बेरोजगारी दर 20 फीसदी से ज्यादा रही।
समय पर नहीं हो रही हैं भर्ती परीक्षाएं
प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी का कारण लंबे समय से भर्ती और अधिसूचित पदों पर समय पर परीक्षाएं न होना है। दरअसल प्रदेश में 2015 में अधिसूचित पदों पर अभी तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। हांलाकि, अनुच्छेद 370 हटने के बाद प्रदेश सरकार ने सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर पद निकाले। लेकिन बीते 2 सालों में सिर्फ 2 भर्ती प्रक्रिया ही पूरी हो पाई हैं। दरअसल जेकेएसएसबी के पास परीक्षा आयोजन में उपयोग होने वाले ढांचे की कमी है। जिसके चलते अधिसूचित पदों पर लबे समय तक परीक्षाएं नहीं होती हैं। परीक्षा हो भी गई तो विभाग के भर्ती नियम तय न होने से कई-कई साल तक प्रक्रिया लटकी रहती है।