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क्या टीकाकरण के बाद खत्म हो जाएगा कोरोना संक्रमण का खतरा, जानिए वैक्सीन से जुड़े हर सवाल का जवाब

 

 

पीएम मोदी ने जैसे ही जनता के बीच कोविड-19 की वैक्सीन तैयार होने की घोषणा की लोगों को लगा कि कोरोना के कहर से बच जाएंगे। लेकिन आपको बता दें कि भले ही हमें वैक्सीनेशन से काफी राहत मिली थी। दरअसल वैक्सीन गंभीर संक्रमण से बचाने में मददगार साबित होती है। लेकिन क्या वैक्सीनेशन के बाद संक्रमण होने का खतरा कम हो जाता है। आइये जानते हैं…

 

वैक्सीनेशन के बाद भी कितना होता है संक्रमण का खतरा…?

 

हाल में हुई स्टडी के मुताबिक, कोविड-19 का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन,  वैक्सीनेशन से मिली इम्यूनिटी को चकमा दे सकता है।  विशेषज्ञों की मानें तो, ये एक प्रतिरक्षा-बचाव तंत्र विकसित कर सकता है, जो इसे वैक्सीन की सुरक्षा से बचने में मदद करती है। जबकि जिन लोगों को अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है। उनके लिए इस वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा बढ़ जाता है। साथ ही गंभीर बीमारी विकसित होने का जोखिम भी अधिक रहता है।

 

 

वैक्सीनेशन से मौत का खतरा होता है कम

 

 

सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक, “मौजूदा वैक्सीन के डोज़ किसी भी व्यक्ति को ओमिक्रॉन से गभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती और संक्रमण के कारण मौत से बचाएंगे। हालांकि, जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।  उनमें इस संक्रमण के हल्के लक्षण देखे जा सकते हैं।

 

वैक्सीन लगने के बावजूद हो सकता है कोविड

 

हालांकि, कोविड-19 वैक्सीन SARs-COV-2 वायरस के खिलाफ काफी हद तक सुरक्षा देती है। लेकिन स्टडीज़ की मानें तो आधी या फिर पूरी वैक्सीन लगने के बाद भी व्यक्ति को हल्का संक्रमण ही होता है। यानि की प्रभावित व्यक्ति में हल्के लक्षण ही दिखेंगे, या फिर वह एसिम्पटोमैटिक रहेगा।

 

 

वैक्सीन लगने के बाद इन लक्षणों पर रखें नज़र

 

ऐसा देखा गया है कि, नया संस्करण पहले के मौजूदा वेरिएंट, विशेष रूप से डेल्टा की तुलना में हल्का है। गले में ख़राश के अलावा, कुछ अन्य ओमिक्रॉन लक्षणों में थकान, बुख़ार, शरीर में दर्द, रात को पसीना, छींकना, नाक बहना, मतली और भूख न लगना शामिल हैं।

 

 

 

 

 

 

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