जब नेताजी को विधायक बनाने के लिए एक वक्त के लिए भूखे रहे सैफई के लोग
इटावा : समाजवादी पार्टी(Samajwadi Party) के संरक्षक नेता मुलायम सिंह यादव यानी नेता जी अब नहीं रहे। तबीयत बिगड़ने के बाद उनको बेहतर इलाज के लिए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन आज उन्होंने अपने जीवन की आखिरी सांस ली। इसी के साथ छूट गई नेताजी की कोई अनसुनी और असंख्या दें उनमें से कुछ रोचक जानकारी हम आपको बताते हैं।
आपको बता दें कि नेताजी को जब पहली बार विधायक बनाने के लिए उनके गांव सफाई के लोगों ने एक वक्त का खाना छोड़ दिया था नीता जिसकी यह यादें अब केवल शेष है।
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आपको बता दें कि यह बात है 1967 की जब नेताजी मुलायम सिंह यादव पहली बार विधानसभा चुनाव(assembly elections) लड़े थे लेकिन पैसे नहीं थे वो पैसे की व्यवस्था करने में लगे थे लेकिन व्यवस्था नहीं हो पा रही थी चुनाव प्रचार के दौरान एक दिन नेताजी के घर की छत पर पूरे गांव वालों की बैठक हुई। बैठक में पूरे गांव के सभी जाति के लोग शामिल हुए बैठक में गांव के ही सोनेलाल साकर ने सुझाव दिया कि मुलायम सिंह यादव(Mulayam Singh Yadav) को चुनाव लड़ाने के लिए घर हम गांव वाले एक शाम का खाना छोड़ दें तो मुलायम सिंह यादव की गाड़ी 8 दिन तक चल जाएगी सभी गांव वालों ने एकजुट होकर सुनीलाल के प्रस्ताव का समर्थन किया और गांव वालों ने विधायक बनाने के लिए एक वक्त का खाना छोड़ दिया।
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आपको बता दें कि उस वक्त एक वोट एक नोट की तुलना की जा रही थी तभी सभी के साझा प्रयास के चलते मुलायम सिंह पहली बार इटावा जिले की जसवंतनगर सीट से विधायक चुने गए जब मुलायम सिंह को पहली बार विधानसभा का टिकट मिला तो सभी गांव वालों ने जनता के बीच जाकर वोट के साथ-साथ चुनाव लड़ने के लिए चंदा मांगा था मुलायम अपने बातों में लोगों से एक वोट एक नोट देने की अपील करते थे। वोट मांगने के दौरान मुलायम सिंह यादव हमेशा यही कहते थे कि यदि हम विधायक बन जाएंगे तो किसी न किसी तरह से आपका 1 बयासाइड लौटा देंगे या सुनकर लोग मुलायम सिंह की बातों को सुनकर लोग खूब ताली बजाते थे और दिल खुलकर चंदा देते थे।