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क्या है विवाद से विश्वास योजना, जानें कौन उठा सकता है लाभ

विवाद से विश्वास योजना का आरंभ सरकार द्वारा विभिन्न कर मामलों का समाधान करने के लिए किया गया है। इस योजना के अंतर्गत आयकर विभाग और करदाताओं द्वारा सभी अपीलों को वापस लिया जाएगा। विवाद से विश्वास योजना खासतौर से उन लोगों के लिए है जिनके खिलाफ आयकर विभाग द्वारा किसी उच्च मंच पर अपील की गई है। विवाद से विश्वास योजना के माध्यम से अब तक 45855 मामलों का समाधान कर दिया गया है। जिसके अंतर्गत 72,780 करोड रुपए कर की राशि सरकार द्वारा हासिल की गई है। 

विवाद से विश्वास योजना  की शुरुआत  केंद्रीय वित् मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने 1 फरवरी 2020 को केंद्रीय बजट पेश करते हुए विवादित करों से जुड़ी समस्याओ को सुलझाने के लिए की गयी है । इस योजना के अंतर्गत करदाताओं के प्रत्यक्ष कर के विवादित टैक्स मामलों को निपटाया (Disputed tax cases of direct tax payers will be dealt with.) जायेगा ।इस विवाद से विश्वास स्कीम 2020 के अंतर्गत करदाताओं को केवल विवादित करों की राशि का भुगतान ही (Paying only the amount of disputed taxes) करना होगा । इस रकम पर किसी तरह का ब्याज या दंड  आदि आपको नहीं चुकाना (You should not pay any interest or penalty etc. on this amount ) होगा ।

विवाद से विश्वास स्कीम 2020 क्या है

वित् मंत्री का कहना है कि  विवाद से विश्वास योजना  से लाभ ऐसे करदाता को प्रदान किया जायेगा जिनका टैक्स को लेकर किसी फोरम में मुकदमा (Benefit from the scheme will be provided to such taxpayers, whose case is pending in any forum regarding tax.) लंबित है। आयकर रिटर्न प्रक्रिया फेसलेस करने के बाद करदाताओं के लिए अपील करना भी आसान कर दिया है। इसके जरिये करदाताओं की किसी अपील पर उसकी पहचान उजागर नहीं की जाएगी।  आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से विवाद से विश्वास योजना 2020  के बारे में  सम्पूर्ण जानकारी प्रदान  करने जा रहे है । अतः हमारे इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़े और इस योजना का लाभ उठाये ।

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क्या है इसका मकसद

‘विवाद से विश्वास’ योजना का मकसद लंबित कर विवादों का समाधान करना है. तमाम अदालतों में प्रत्यक्ष कर से जुड़े 9.32 लाख करोड़ रुपये के करीब 4.83 लाख मामले लंबित हैं. इस स्कीम के तहत करदाताओं को केवल विवादित टैक्स राशि का भुगतान करना होगा. उन्‍हें ब्याज और जुर्माने पर पूरी छूट मिलेगी. शर्त यह होगी कि वे 31 मार्च, 2021 तक इसका भुगतान कर दें.

कोई अतिरिक्त राशि नहीं देनी होगी

आधिकारिक बयान के अनुसार विवाद से विश्वास योजना के तहत मामलों के निपटान को इच्छुक करदाताओं को आगे और राहत देने के इरादे से, सरकार ने मंगलवार को बिना किसी अतिरिक्त राशि के भुगतान की समय सीमा 31 दिसंबर 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 कर दी है. हालांकि, यह भुगतान केवल की गई घोषणा के संदर्भ में किया जा सकेगा. इसमें कहा गया है, योजना के तहत घोषणा की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2020 ही अधिसूचित की गयी है.

वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि यह योजना करदाताओं के लाभ और उनकी सुविधा के लिए है क्योंकि वे इसके जरिये तुंरत विवादों का समाधान कर सकते हैं. उन्हें इससे मुकदमे की लागत बचेगी. साथ ही जुर्माना, ब्याज और अभियोजन से भी उन्हें राहत मिलेगी और मौद्रिक लाभ होगा.

कौन उठा सकता है इस स्कीम का लाभ
इसके तहत विवादित कर का 100 प्रतिशत और विवादित जुर्माना या ब्याज अथवा शुल्क का 25 प्रतिशत देकर लंबित मामलों का निपटान किया जा सकता है. प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास कानून 17 मार्च, 2020 को अमल में आया. इसका मकसद विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों के निपटान के लिए संबंधित करदाताओं को विकल्प उपलब्ध कराना है. विवाद से विश्वास योजना का लाभ आयकर निपटान आयोग (Income Tax Settlement Commission) के समक्ष लंबित कार्यवाही या फिर ITSC के आदेश के खिलाफ दायर रिट याचिका के संदर्भ लिया जा सकता है.

‘विवाद से विश्वास’ योजना के तहत विवादित टैक्स, विवादित पेनाल्टी, विवादित इंटरेस्ट रेट जैसे मामलों के निपटारे की सुविधा प्रदान करती थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार 31 जनवरी 2020 तक 19.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक 5.10 लाख मुकदमे लंबित थे. कर से जुड़ी इस योजना की शुरुआत 17 मार्च 2020 को गई. इसके लिए सरकार ने लोकसभा में ‘प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, 2020’ को मंजूरी दी थी. बाद में इसे राज्यसभा में ले जाया गया जहां संक्षिप्त चर्चा के बाद इस विधेयक को लौटा दिया गया. राज्यसभा से लौटाए जाने के बावजूद इस पर असर नहीं पड़ा क्योंकि यह वित्त विधेयक है. भुगतान की समय सीमा पहले 31 मार्च 2020 तय थी लेकिन इसे बढ़ाकर 30 जून 2020 किया गया. बाद में इसकी मियाद फिर बढ़ाई गई और इसे 31 दिसंबर 2020 तक किया गया. अब सरकार ने इसे 31 मार्च 2021 तक लागू कर दिया है.

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