विद्यांजलि योजना
विद्यांजलि योजशिक्षा का महत्व हर कोई अच्छे से जानता है। एक इंसान जिसके पास अच्छी शिक्षा होती है उसे सभ्य घर से माना जाता है। शिक्षा ना केवल आपको पढ़ने लिखने में अच्छे बनाती है बल्कि साथ ही साथ आपके जीवन में एक नई रोशनी लेकर आती है। इस रोशनी से आपका जीवन और भी ज्यादा सामंजस्य पूर्ण हो जाता है। इसी के साथ आप समाज के साथ ज्यादा अच्छे तरीके से घुल पाते हैं और इस के तौर तरीकों से अच्छे से वाकिफ रहते हैं।
हर किसी को अच्छी शिक्षा मुहैया नहीं हो पाती है खासतौर पर भारत में जहां पर शिक्षक कई कमियों से जूझ रहे हैं। यही नहीं भारत में कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं जो कि शिक्षकों की कमी से ही जूझ रहे हैं। इसी कमी से निपटने के लिए भारत सरकार ने एक नया तरीका ढूंढ निकाला है। भारत सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना का नाम विद्यांजलि योजना ( Vidyanjali Scheme) है। यह योजना सभी बच्चों के लिए काफी लाभदायक रहेगी। आज हम आपको इसी योजना के बारे में अवगत कराने वाले हैं और यह भी बताने वाले हैं कि कैसे आप इस योजना से फायदा ले सकते हैं ।
क्या है विद्यांजली योजना?
भारत देश में शिक्षा बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकती है। इसी के साथ हर इंसान के लिए शिक्षित होना आजकल की प्रथम आवश्यकता बन गई है। लेकिन भारत देश में कई ऐसे सरकारी स्कूल है जो कि शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। वहीं भारत देश में कई ऐसे सरकारी स्कूल भी है जिन की दशा को देखकर दया आती है।इस कमी की वजह से बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है। इसी कमी को पूरी करने के लिए भारत में विद्यांजलि स्कीम ( Vidyanjali Scheme) की शुरुआत हुई है।
विद्यांजलि योजना की शुरुआत मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने की थी। विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस योजना की शुरुआत 16 जून 2016 को की थी। इस योजना की घोषणा के साथ साथ स्मृति ईरानी ने यह भी बताया था कि वह इस योजना की शुरुआत भारत के 21 राज्यों में 2200 स्कूलों से करेंगे।उन्होंने उम्मीद जताई थी कि दिसंबर तक देश के सभी स्कूलों को शामिल करने के लिए इस योजना का विस्तार किया जाएगा।
इस योजना ( Vidyanjali Scheme) के अच्छे क्रियान्वयन के लिए विद्यांजलि को शुरू करने पर प्रमुख शख्सियतें जैसे केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौर, बाबुल सुप्रियो और किरण रिजिजू, लेखक रस्किन बांड, क्रिकेटर अनिल कुंबले, फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया और अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना बच्चों से मिलने के लिए पहले ही स्कूल जा चुके थे।
इस योजना में मुख्य तौर पर भारत के स्वयंसेवकों को मदद मिलेगी।सरकारी स्कूलों में लोगों (जैसे -स्वयंसेवकों) की भागीदारी को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके तहत सभी स्वयंसेवक बच्चों के लिए कई सामाजिक कार्यक्रम कर सकते हैं। उनके पास सार्वजनिक भाषण, किस्सागोई, नाटक अभिनय सत्र और अन्य सह-शैक्षिक गतिविधियों में हिस्सा लेकर बच्चों को प्रशिक्षित करने का मौका होगा
योजना की मुख्य विशेषताएं
विद्यांचल योजना ( Vidyanjali Yojana) सरकार के द्वारा शुरू की गई कई महत्वकांक्षी योजना में से एक है। इस योजना के अंतर्गत हर कोई भारत में बच्चों को शिक्षित करने में अपना सहयोग दे सकता है बशर्ते उसकी कुछ पात्रता होनी चाहिए। इसी वजह से यह योजना इतनी सुचारू है और इसकी कई मुख्य विशेषताएं भी हैं –
- नही है कठोर योग्यता
जिस प्रकार भारत देश में सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले टीचरों के लिए कठोर मापदंड रखे गए हैं। इस बात से एकदम अलग हटके विद्यांजलि योजना के अंतर्गत आप ही सरकारी स्कूल में पढ़ा सकते हैं जिसके लिए आपके पास किसी भी तरीके की कठोर पात्रता होना आवश्यक नहीं है।
2.पढ़ा सकते हैं मन के स्कूल में
जो भी इंसान ही इस योजना में अपना योगदान देना चाहता है वह इस में आवेदन कर सकता है। इस योजना की खास बात यह है कि इसमें आपको सरकार की तरफ से स्कूल नहीं दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत आप जिस स्कूल में चाहे उसे स्कूल में अपनी सहूलियत के हिसाब से पढ़ा सकते हैं।
- विषय चुनने की आजादी
जिस प्रकार सरकारी नियमित शिक्षकों को विषय चुनने की आजादी नहीं होती है उससे एकदम हटकर विद्यांजलि योजना के अंतर्गत होता है। इस योजना में आप किसी भी विषय को पढ़ाने के लिए चुन सकते हैं अर्थात आपके पास इसकी पूरी स्वतंत्रता है।
4.नियमित शिक्षकों की भर्ती पर कोई असर नहीं
कई लोगों में भ्रम है कि इस योजना की वजह से नियमित शिक्षकों की भर्ती पर असर पड़ेगा लेकिन ऐसा नहीं है। सरकार ने इस योजना में पहले ही साफ कर दिया है कि बच्चों के पाठ्यक्रम को पूर्ण करवाने की पूरी जिम्मेदारी नियमित शिक्षकों की ही होगी।स्वयंसेवी शिक्षक नियमित शिक्षकों के साथ ही काम करते हैं, परन्तु वे नियमित शिक्षकों का प्रतिस्थापन्न नहीं हैं।
कौन से विद्यालय होते हैं शामिल?
स्वयंसेवकों के साथ साथ इस योजना के अंतर्गत विद्यालयों की भी पात्रता होना आवश्यक है।इसमें निम्नलिखित विद्यालय शामिल होते हैं –
- वह विद्यालय जहां पर पक्की इमारत होती हो।
- वह विद्यालय जहां पर बच्चों के प्रसाधन के लिए पूर्ण सुविधा उपलब्ध हो।
- विद्यालय में पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक का होना भी आवश्यक है।
- वह विद्यालय जहां पर इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध हो।
- लड़कियों के विद्यालय में महिला शिक्षक होना आवश्यक है।
- पीटीआर होना आवश्यक है।
कौन कर सकता है आवेदन?
विद्यांजलि योजना में काम करने के लिए और अपना सहयोग प्रदान करने के लिए आप में कुछ खास होने की आवश्यकता नहीं है।इसमें बहुत कठोर नियम या अतिरिक्त योग्यता की आवश्यकता नहीं है। इस योजना में शामिल होने के लिए स्वयंसेवी को बस अपने विषय में पारंगत होना चाहिए।
इस योजना में एक ग्रहण के लिए हाई स्कूल तक की न्यूनतम शिक्षा आवश्यक है। भारतीय प्रवासियों के लिए न्यूनतम शिक्षा 12वीं कक्षा तक है। सभी सेवानिवृत्त लोगों के लिए स्नातक की उपाधि होना आवश्यक है। एनआरआई लोगों के लिए ओसीआई होना जरूरी है।
कैसे करें योजना में आवेदन?
अगर आप भी इस योजना में आवेदन करना चाहते हैं तो फिर आपको इसके पोर्टल पर जाना होगा।
इसका पोर्टल mygov.in है। इसी के साथ आप इसके ऐप पर भी जा सकते हैं। इसके बाद आपको इसके पोर्टल या फिर ऐप पर रजिस्टर करना होगा।
आपके क्षेत्र में जिन विद्यालयों में स्वयंसेवी शिक्षकों की आवश्यकता होगी, वे इस पोर्टल पर दिखाई देंगे। इसके बाद आप इनमे से अपनी सुविधानुसार विद्यालय का चयन कर सकते हैं।
क्या हैं जिम्मेदारियां?
अगर आप इस योजना से जुड़े हुए हैं और इस योजना के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं तो फिर आपको बता दें कि यह योजना सेवा भाव ध्यान में रखते हुए बनाई गयी हैं। इस योजना के लिए किसी भी स्वयंसेवक को किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके अंतर्गत आप बच्चों को किसी भी प्रकार का ज्ञान दे सकते हैं जैसे कि – लोगों के सामने अपने विचार व्यक्त करने की कला, अभिनय की कला, सर्जनात्मक और रचनात्मक हस्तलेखन की कला, संगीत, नृत्य एवं अन्य रचनात्मक चीज़ें।इसमें खेल – कूद या कोई अन्य मनोरंजक गतिविधि ,कसरत, योग और कोई अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी गतिविधियाँ और शैक्षणिक और पेशेवर जीवन के लिए काउंसलिंग करना, आदि सम्मिलित होते हैं।
इस बात से हर कोई अवगत है कि यह योजना कितनी महत्वकांक्षी है। इस योजना के अंतर्गत लोग शिक्षक बनने के अपने सपने को पूरा कर सकते हैं लेकिन परेशानी की बात यह है कि कई लोगों को इस योजना के लाभों के बारे में पता नहीं है। इसी वजह से कई स्कूल इस योजना के फायदे को उठाने से वंचित रह जाते हैं। फिलहाल तो सरकार इस पर भी कार्य कर रही है।