
भारत देश में पर्यटन को हमेशा से ही बढ़ावा दिया जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि पर्यटन की मदद से देश का विकास करने में और भी ज्यादा मदद मिलती है। लेकिन इस पर्यटन के लिए मात्र विदेशी पर्यटकों का आना आवश्यक ही नहीं है बल्कि भारत के खुद के लोगों को भारत के बारे में जानने के लिए स्वदेश पर्यटन करना भी जरूरी है। पर्यटन यानी टूरिज्म की मदद से भारत में और ज्यादा विकास होगा।
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लेकिन इस विकास करने के लिए भारत में अच्छे पर्यटन स्थल होना भी आवश्यक है। भले ही हमारे देश में पर्यटन स्थलों की कोई कमी नहीं है लेकिन फिर भी उन पर्यटन स्थलों की देखभाल करना भारत सरकार का जिम्मा है। फिलहाल भारत में पर्यटन स्थलों की हालत के बारे में हर कोई अच्छे से जानता है। कुछ पर्यटन स्थलों को छोड़कर बाकियों का हाल दयनीय है। यही वजह है कि इसके लिए भारत सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना (Swadesh Darshan Yojana) की शुरुआत की है। आज हम आपको सरकार द्वारा शुरू की गई इसी योजना के बारे में पूरी जानकारी देंगे और यह भी बताएंगे कि किस प्रकार से यह योजना क्रियान्वित होती है।
क्या है स्वदेश दर्शन योजना?
भारत बहुत ही सांस्कृतिक देश है जहां पर कई धर्मों की संस्कृतियों का समागम है। यही सजा है कि यहां पर विभिन्न विभिन्न प्रकार के धर्म मिला करते हैं और कई पर्यटन स्थल भी पाए जाते हैं। यह सभी पर्यटन स्थल हम लोगों को विरासत में मिले हैं जोकि अत्यंत ही खूबसूरत है। लेकिन धीरे-धीरे इन पर्यटन स्थलों के हाल दयनीय होते जा रहे हैं और ऐसा मात्र इसलिए क्योंकि उनकी ठीक तरीके से देखभाल नहीं हो पा रही है।
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हमारे देश के पर्यटन हम सभी की विरासत के बारे में बताते हैं। यह खूबसूरत और आकर्षक पर्यटन स्थल हमको हमारे इतिहास के बारे में भी जानकारी प्रदान करते हैं और हमें हमारी जड़ों से जोड़ा करते हैं। इसी वजह से देश में स्वदेश पर्यटन को बढ़ावा देना बहुत ही आवश्यक है। लेकिन पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ इन सभी पर्यटन स्थलों का ठीक तरीके से ध्यान रखना भी सरकार का ही काम है। इसी वजह से भारत की सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की है। भारत की सरकार ने पर्यटन स्थलों के लिए काफी योजनाएं बनाई है। इन योजनाओं में से एक है स्वदेश दर्शन योजना (Swadesh Darshan Yojana) ।
भारत की केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है योजना साल 2014-15 में शुरू की गई है। यह योजना केंद्रीय सरकार एवं पर्यटन मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है और इसका प्रबंधन मंत्रालय भी पर्यटन मंत्रालय ही है। इस योजना के लिए भारत की सरकार ने पूर्व 600 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है।
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स्वदेश दर्शन योजना (Swadesh Darshan Yojana) भारत की समृद्ध ,सांस्कृतिक भावनात्मक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक विरासत के निर्माण के लिए शुरू की गई है। इस योजना की मदद से भारत सरकार में पर्यटन स्थलों में हमारी विरासत का ख्याल तो रखा ही जाएगा और साथ ही साथ नए रोजगार के मौके भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। पर्यटन स्थलों पर जाने में विशेष रुचि रखने वाले लोगों के लिए यह योजना खास तौर पर बनाई गई है।
कैसे होगा योजना में काम?
इस योजना में लोगों के लिए पर्यटन सर्किट बनाए जाएंगे। पर्यटन सर्किट के लिए भी यहां पर कुछ पात्र होंगे। पर्यटन सर्किट को एक ऐसे मार्ग के रूप में परिभाषित किया गया है जहां पर कम से कम तीन पर्यटन स्थल हो। यह सभी पर्यटन स्थल एक ही शहर या गांव में नहीं होने चाहिए और साथ ही साथ लंबी दूरी तय करने के बाद भी एक दूसरे से अलग नहीं होने चाहिए।
इन सभी पर्यटन सर्किट में होने वाले पर्यटन स्थलों पर अच्छा निकास और प्रवेश भी होना चाहिए।
इस योजना के तहत विकास के लिए थीम सर्किट के रूप में आध्यात्मिक सर्किट की पहचान की गई है।वे सर्किट्स इस प्रकार हैं-
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उत्तर – पूर्व सर्किट
बुद्धिस्ट सर्किट
हिमालय सर्किट
कोस्टल सर्किट
कृष्णा सर्किट
ये सर्किट्स, प्रमुख पर्यटन स्थलों को एवं उसके आकर्षण को कवर करने के लिए है। इस योजना के तहत पर्यटन मंत्रालय सभी सर्किट को विकसित करने के लिए फंडिंग यानी कि उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
क्या हैं योजना की विशेषताएं?
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
–यह योजना मुख्य तौर पर भारत देश में पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए शुरू की गई है।
–यह योजना प्रोजेक्ट के कंपोनेंट्स के लिए 100% केंद्र द्वारा फंड की जाती है एवं पब्लिक फंडिंग के लिए शुरू की गई है।
–इसके अंतर्गत व्यक्तिगत प्रोजेक्ट्स की फंडिंग, एक राज्य से दूसरे राज्य में परिवर्तित होगी, एवं कार्यक्रम प्रबंधक सलाहकार द्वारा तैयार डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर फाइनलाइस्ड की जाएगी।
–मिशन के उद्देश्यों और योजना को चलाने के लिए अध्यक्ष के रूप में पर्यटन मंत्रालय के प्रभारी मंत्री के साथ राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन किया गया था।
–इन 5 राज्यों में परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई है– मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और तमिलनाडु।
योजना के लाभ
इस योजना के कुछ मुख्य लाभ निम्लिखित हैं–
- पहचान किये गए थीम बेस्ड सर्किट में इंफ्रास्ट्रक्चर का इंटीग्रेटेड विकास किया जाएगा।
2.इसमें पर्यटन सर्किट के लिए थीम तैयार की जाएंगी और उन ही विविध थीमेटिक सर्किट के साथ पर्यटकों को पूरा पर्यटन अनुभव प्रदान किया जाएगा।
3.लोकल कम्युनिटीज के बीच आय के स्त्रोतों में वृद्धि होगी जिससे जीवन स्तर एवं क्षेत्र के समग्र विकास की टर्म्स में पर्यटन के महत्व के बारे में बताते हुए उनमें जागरूकता पैदा की जाएगी।
4.पहचाने गए क्षेत्रों में आजीविका उत्पन्न करने के लिए स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, भोजन आदि को बढ़ावा मिलेगा ।
5.इससे रोजगार सृजन भी होगा और भारत देश में बेरोजगारी की दर में कमी आएगी।
6.इससे धार्मिक स्थलों में विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास द्वारा एक स्थायी तरीके से पर्यटकों का आकर्षण बढ़ेगा।
2021 में योजना के अंतर्गत आने वाले शहर
मथुरा (उत्तरप्रदेश)
अजमेर (राजस्थान)
कांचीपुरम (तमिलनाडु)
द्वारका (गुजरात)
गया (बिहार)
अमृतसर (पंजाब)
वाराणसी (उत्तरप्रदेश)
कामाख्या (असम)
अमरावती (आंध्रप्रदेश)
पूरी (ओडिशा)
वेलान्कन्नी (तमिलनाडु)
केदारनाथ (उत्तराखंड)