क्या है Make In India ? क्या है इस योजना का लाभ ?
“Make In India” इस योजना के नाम से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह योजना क्या है. भारत के अंदर कई सारे देश व्यापार करते हैं जिसमें चीन का भी बहुत बड़ा नाम है, अगर इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में देखा जाए तो चीन ने काफी ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक मार्केट को कवर किया हुआ है ऐसे में भारतीय कंपनियों को मौका नहीं मिल पाता है जिसके चलते लोग विदेशी समान ही खरीदना शुरू कर देते हैं क्योंकि उनके लिए सस्ता पड़ता है।
मेक इन इंडिया की नीव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी शुरुआती कार्यकाल में रखी थी सिर्फ यही नहीं और भी बहुत सारी योजनाएं सबसे पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई थी,प्रधानमंत्री की सोच उनके चुनावी एजेंडे में साफ़ देखी जाती थी,उनके चुनावी एजेंडे में जो कुछ था उसे पूरा करने में नौजवान की तरह उन्होंने और उनकी सरकार ने पूरी ऊर्जा के साथ काम करना शुरू किया। स्मार्ट सिटी योजना, पेंशन योजना,स्वच्छ भारत मिशन और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बढ़ावा दिया यह योजनाएं देश के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है।
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आज की इस लेख में हम आपको मेक इन इंडिया कैंपेन के बारे में अहम जानकारी देने वाले हैं इस लेख में हम कुछ महत्वपूर्ण चीजों को आपसे साझा करेंगे जो अक्सर आपके दिमाग में भी कभी ना कभी आती होंगी जैसे क्या है मेक इन इंडिया? इस कैंपेन के उद्देश्य क्या है? क्या इस योजना से भारत को लाभ होगा?
विस्तार
योजना का नाम | मेक इन इंडिया |
उद्देश्य | घरेलू विनिर्माण उद्योग को बढ़ावा |
आरंभ तिथि | 25-Sep-15 |
वेबसाइट | www.makeinindia.com |
किसने की शुरुवात | पीएम नरेंद्र मोदी |
शामिल क्षेत्र की संख्या | 25 |
क्या है मेक इन इंडिया ?
मेक इन इंडिया का अर्थ है कि रोजमर्रा की जो जरूरी वस्तुएं हैं उन्हें भारत में ही बनाया जाए, जिससे देश में रोजगार के अवसर बढ़े । मेक इन इंडिया का हिंदी अनुवाद है कि जिन वस्तुओं का निर्माण हमारे देश में ही किया जाए । जब भारत में ही वस्तुएं बनेगी तो इनका आयात कम होगा और टैक्स कम लगेगा जिससे उपभोक्ताओं को सामान सस्ते दामों पर उपलब्ध हो सकेंगे जिससे देश को आगे बढ़ने में सहायता मिलेगी और भारत की जीडीपी में भी इजाफा होगा ।
Make in India योजना भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया, यह 5 सितंबर 2014 को दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई थी। इस योजना का एकमात्र उद्देश्य दुनिया भर की बड़ी कंपनियों का निवेश लाकर भारत में लगाना है जिससे रोजगार के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान होते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की एक अलग पहचान उभरकर सामने आती है।
क्या है इस योजना का उद्देश्य ?
•विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए मेक इन इंडिया विदेशी कंपनियों का ध्यान अपनी तरफ खींचने का काम करता है ताकि विदेशी निवेश को भारत के अंदर काफी ज्यादा बढ़ावा मिल सके और भारत के अंदर रोजगार बढ़ सके।
• इसके तहत सरकार ने कुछ क्षेत्रों में विदेशी निवेश सीमा में भी बढ़ोतरी की है। जैसे की रक्षा और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में FDI सीमा को बढ़ाना ताकि विदेशी कम्पनीया भारत में आ कर और निवेश करे ,उत्पाद भारत में ही बने।
• Make in objective में ज्यादा से ज्यादा समान भारत में बने, जिससे समा की कीमत कम हो और बाहर निर्यात होने पर देश कीअर्थव्यवस्था को फायदा हो।इस योजना उद्देश्य के तहत भारत में Ease of doing business को भी बढ़ावा देना है ।
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ख्य उद्योग जिनको इसके तहत शामिल किया है वो है automobile, chemicals, IT तथा bpm, aviation industry, medicinal , construction, elsectricity से संबंधित मशीन, खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा, विनिर्माण, अंतरिक्ष, टेक्सटाईल्स, कपड़ा उद्योग, बंदरगाह, चमड़ा, मीडिया और मनोरंजन, स्वास्थ्य, खनन, पर्यटन और मेहमानदारी, रेलवे, ऑटोमोबाईल घटक, नवीकरणीय ऊर्जा, बायोटेक्नोलॉजी, सड़क और हाईवे, इलेक्ट्रानिक निकाय और थर्मल ऊर्जा आदि इस योजना में product के रूप में शामिल हैं