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डब्ल्यूजीसी ने किया खुलासा, भारत में बढ़ी सोने की मांग 19 प्रतिशत

कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते पिछली तिमाही के मुकाबले मांग में 46 प्रतिशत की गिरावट आई।

भारत में सोना चाहे जितना महंगा हो जाए। लेकिन लोग उसे उतना ही बढ़कर खरीदते हैं। पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई थीं। उसके बाद भी सोने का बाजार हमेशा चलता रहा। इस बात का खुलासा वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की एक रिपोर्ट में किया गया है। डब्ल्यूजीसी ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस साल अप्रैल-जून तिमाही के दौरान भारत में सोने की मांग 19.2 प्रतिशत बढ़कर 76.1 टन हो गई, जिसका मुख्य कारण कम आधार प्रभाव था।

डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट में ‘2021 की दूसरी तिमाही में सोने की मांग के रुझान’ के अनुसार कैलेंडर वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में सोने की कुल मांग 63.8 टन थी। कीमत के लिहाज से भारत में सोने की मांग समीक्षाधीन अवधि में 23 प्रतिशत बढ़कर 32,810 करोड़ रुपये हो गई, जो 2020 की इसी अवधि में 26,600 करोड़ रुपये थी।

कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते पिछली तिमाही के मुकाबले मांग में 46 प्रतिशत की गिरावट आई। इसी तरह मौजूदा साल की पहली छमाही में कुल मांग 157.6 टन थी, जो 2019 की पहली छमाही के मुकाबले 46 फीसदी थी। अप्रैल-जून तिमाही में वैश्विक सोने की मांग में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाले एक प्रतिशत की गिरावट हुई और यह 955.1 टन रही।

डब्ल्यूजीसी के भारत में क्षेत्रीय सीईओ सोमसुंदरम पी आर ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के चलते 2021 की दूसरी तिमाही में क्षेत्रीय आधार पर लॉकडाउन लगाया गया, जबकि पिछले साल पूरे देश में सख्त लॉकडाउन लागू किया गया था। ये तिमाही इसलिए भी बेहतर है क्योंकि व्यवसाय अधिक तैयार थे।

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