घटने लगा यमुना और केन का जलस्तर, लोगों को राहत की उम्मीद
केन और यमुना सिमटने लगी है। मंगलवार को इन नदियों का जलस्तर घटने से ग्रामीणों में राहत की आस जगी है। वहीं प्रशासनिक अफसर भी मान रहे हैं कि नदियों का जलस्तर घटने से अब गांवों की आबादी में घुसा पानी भी सिमटने लगेगा।
बांदा : बीते पांच दिनों से बाढ़ की आफत से जूझ रहे बांदा जिले को जल्द ही राहत की उम्मीद है। क्योंकि अब केन और यमुना का जलस्तर लगातार घट रहा है। इधर, पिछले कई दिनों से केन और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था। जलस्तर बढ़ने के कारण जहां चिल्ला, जसपुरा और कमासिन तथा बबेरू क्षेत्र के कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए थे। वहीं, बांदा-फतेहपुर हाईवे पर ललौली के पास मुख्य मार्ग पर जलभराव से यातायात ठप हो गया था।
जसपुरा क्षेत्र में तो कई जगह हालात ऐसे थे कि नांदादेव के मजरा शंकरपुरवा में तो लोगों को ऊंचे टीले में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा। यही नही क्षेत्र के कई गांव में लोग बिजली की समस्या से जूझते रहे। हालांकि बिजली की आज भी समस्या बनी हुई है। जबकि अब इधर केन और यमुना सिमटने लगी है।
मंगलवार को इन नदियों का जलस्तर घटने से ग्रामीणों में राहत की आस जगी है। वहीं प्रशासनिक अफसर भी मान रहे हैं कि नदियों का जलस्तर घटने से अब गांवों की आबादी में घुसा पानी भी सिमटने लगेगा। अब शीघ्र राहत की उम्मीद है।
कुछ इस तरह घट रही केन
केन नदी एक से दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से घट रही है। सुबह आठ बजे केन का जलस्तर 102.74 सेंटीमीटर रहा। जबकि दस बजे 102.72,अपरान्ह 12 बजे 102.68,अपरान्ह 2 बजे 102.64, शाम चार बजे केन का जलस्तर 102.60 हो गया।
कुछ इस तरह सिमट रही यमुना
यमुना नदी एक से दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से घट रही है। सुबह आठ बजे यमुना का जलस्तर 102.33 सेंटीमीटर रहा। जबकि दस बजे 102.32,अपरान्ह 12 बजे 102.30, अपरान्ह 2 बजे 102.26, शाम चार बजे केन का जलस्तर 102.21 हो गया।
24 घंटे में 14 सेमी केन और 24 सेंटीमीटर घटी यमुना
केन और यमुना का जलस्तर लगातार घट रहा है। पिछले 24 घंटे में केन करीब 14 सेंटीमीटर घटी तो यमुना लगभग 24 सेमी घट गई। क्योंकि बीते सोमवार की शाम केन नदी का जलस्तर 102.74 रहा। वहीं मंगलवार की शाम यह सिमटकर 102.60 पर पहुंच गया। इसी तरह यमुना सोमवार की शाम 102.45 सेमी पर रही। जबकि मंगलवार की शाम घटकर इसका जलस्तर 102.21cm हो गया।
घट रहा जलस्तर, सामान्य हो रही स्थिति
पैलानी एसडीएम रामकुमार अब नदियों का जलस्तर लगातार घट रहा है। घर के बाहर खंड़जे के पास बाढ़ का पानी आ गया था। जिसमें एक छोटा बच्चा डूब गया। बताया जा रहा है कि पिता मवेशियों को ऊंचे में लेकर गया था। मां भी बाहर थी। घर में केवल छोटे बच्चे थे। तभी बालक बाहर निकल गया और खंड़जे के बगल में गहराई में भरे पानी में गिर डूब गया। हालांकि अब क्षेत्र में स्थित सामान्य है। पानी घट रहा है। चिल्ला रोड में जो तारा के पास पानी था वह भी जल्द खाली होने की उम्मीद है। शंकरपुरवा में भी पानी घट रहा है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
शंकरपुरवा के टीले में कराई प्रकाश व्यवस्था
जसपुरा: केन और यमुना की बाढ की वजह से जसपुरा क्षेत्र में दर्जनों गांव बाढ़ से घिर गए हैं। खासतौर से शंकरपुरवा की आबादी प्रभावित हो गई। पानी गांव में घुस जाने से लोग पास के टीले में शरण लेने को मजबूर हो गए थे। शुरुआती दिन में तो इन्हें कोई सरकारी मदद नहीं मिली। लेकिन अगले दिन से प्रशासनिक अमले ने राहत और खाद्य सामाग्री का वितरण कराया। नांदादेव प्रधान की माने तो मंगलवार को खुद उनके द्वारा लाई चना,बिस्कुट वितरण कराया गया। साथ ही टीले पर सौर ऊर्जा से प्रकाश व्यवस्था कराई गई। जबकि प्रशासन ने 107 लंच पैकेट बंटवाए।
33 केवीए से डेढ फुट नीचे आए पानी, तभी भागेगा अंधेरा
जसपुरा क्षेत्र के जसपुरा और कानाखेडा फीडर की 33 केवीए विद्युत लाइन इधर कई दिनों से केन की बाढ के पानी में डूबी हुई है। बिजली विभाग के अधिशाषी अभियंता अनिल आहूजा का कहना है कि जब तक पानी इस लाइन से करीब डेढ फुट नीचे नहीं आता, हम आपूर्ति चालू नही करेंगे।
फिलहाल बिजली आपूर्ति न होने से महाबरा,मडौलीकला,सबादा, पिपरोदर, बडागांव, इछावर, चंदवारा, गौरीखुर्द, गलौली, कानाखेडा, नरौली, गाजीपुर, रामपुर, सिकहुला,बरेहटा, अमारा,खप्टिहाखुर्द, नारायढ,गडरिया,डाडामऊ, झंझरी, पडोहरा, लसडा, पडेरी, गडौला आदि गांवों के ग्रामीणों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है।
कमासिन क्षेत्र में घरों में पानी घुसने से अफरा तफरी
कमासिन क्षेत्र में यमुना नदी से जुड़ी सहायक नदियों बगै,रवायव तटवर्ती नालों में उल्टा पानी घरों में घुसने से अफरा तफरी मच गई है। लोगों ने घरों से सामान निकलना शुरू कर दिया है । ऊंचे स्थानों के तरफ रुख कर लिया है, सबसे ज्यादा औदाहा खेरा इटर्रा व अछरील गांव प्रभावित हो रहे हैं। जहां खरीफ की सारी फसल डूब गई है। घरों में पानी प्रवेश करने लगा है। औदाहा में भूषण दलित, लाला यादव लालकुमर व देव कुमार यादव ने घरों से सामान निकाल कर ऊंचे स्थानों में जा बसे हैं। पड़ोस के अन्य घरों में भी पानी घुसने लगा है।
खेरा में चेकडेम किनारे बसे विनोद पासवान के घर मे भी यमुना नदी का पानी घर की तरफ रुख कर गया है। ग्राम इटर्रा में बगै नदी के किनारे बसे ओमप्रकाश यादव के पुरवा में कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया है। औदाहा व इटर्रा का आवागमन भी ठप हो गया है। जिससे लोग नाव का सहारा ले रहे हैं। अछरील में भी बाढ़ का पानी घरों की तरफ बढ़ रहा है। जिससे लोग डरे व सहमे हैं और घरों को खाली करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। खड़ी खरीफ की फसल पूरी तरह पानी में डूब गई है।
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