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अलवर 300 साल पुराना शिव मन्दिर तोड़ने पर विहिप ने की आदोंलन की घोषणा, जानिए क्या है पूरा मामला
जयपुर। राजस्थान में जिला अलवर के राजगढ़ लगभग 300 साल पुराने शिव परिवार समेत तीन मंदिरों को तोड़वा दिया गया। जिस बात को लेकर विवाद जारी है , इसी के चलते अब विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मंदिर का पुनर्निर्माण किए जाने की मांग उठायी है। मांग न पूरी किये जाने पर आंदोलन करने की घोषणा की है।
बीते शुक्रवार को विहिप के प्रदेश उपाध्यक्ष सुभद्र पापड़ीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बोलते हुए कहा कि, ” मंदिर तोड़ने का आदेश देने वाले अधिकारियों और क्षेत्रीय कांग्रेस विधायक जौहरीलाल मीणा को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके मंत्रियों में हिंदू विरोधी होने की होड़ मची है। उन्होंने कहा कि राजगढ़ नगर पालिका के बोर्ड की बैठक में पारित प्रस्ताव को देखने से साफ होता है कि उन्होंने मंदिर तोड़ने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया था। अधिकारियों ने विधायक के दबाव में मंदिर तोड़े थे। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री बोर्ड की बैठक में मंदिर तोड़ने का प्रस्ताव लाए जाने को लेकर गलत बयानबाजी कर रहे हैं।”
आखिर क्या है पूरा मामला
राजस्थान के अलवर के राजगढ़ में गत 17 अप्रैल को मास्टर प्लान के अनुसार, सड़क चौड़ी करने को लेकर तोड़फोड़ की गई थी। जिसके चलते 150 दुकाने हटाने के साथ – साथ तीन मंदिर को भी तोड़ दिया गया। इस मामले को लेकर विवाद बढ़ा तो सरकार ने नगर पालिका के सभापति, अधिशासी अधिकारी और उपखंड अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था। वही भाजपा शासित बोर्ड के सभापति दुहारिया को निलंबित किए जाने पर भाजपा ने आपत्ति जताई है। भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ और जिला अध्यक्ष संजय नरूका ने कहा कि पालिका बोर्ड की बैठक में कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा भी मौजूद थे,अत: उनका भी विधानसभा की सदस्यता से निलंबन होना चाहिए। नरूका ने कहा कि, “राजगढ़ में कांग्रेस का विधायक होने के बावजूद नगर पालिका चुनाव में मात्र एक पार्षद जीत सका था, वहीं भाजपा के खुद के 32 पार्षद जीते थे। दो पार्षदों ने समर्थन दिया था।”