बच्चों के लिए कब तक तैयार हो जाएगी कोरोना वैक्सीन?
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर अब पहले के मुकाबले बहुत कमजोर पड़ गई है और जल्द इस लहर से छुटकारा भी मिल जाएगा इस बात का अंदाजा मात्र इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत में अब unlock की प्रक्रिया को काफी तेजी से किया जा रहा.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में बच्चे भी प्रभावित हुए हैं लेकिन माना जा रहा है कि तीसरी लहर के आने के बाद सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर ही पड़ेगा ऐसे में सभी को टीकाकरण करना ही तीसरी लहर से बचाव का एकमात्र सहारा बताया जा रहा है. वैक्सीनेशन की प्रक्रिया की बात करें तो देश में 16 जनवरी 2021 से सफलतापूर्वक टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है पहले बुजुर्गों को टीका लगाया गया और अब18 से 44 साल के लोगों को टीका लगने का काम चल रहा है.
ऐसे में अब बच्चों पर भी वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया गया है और माना जा रहा है कि जल्द ही बच्चों को भी तीखा लगना शुरू हो जाएगा क्योंकि तीसरी लहर सितंबर महीने से आने वाली है, आपको बता दें कि बच्चों में भी कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण देखे गए हैं और रिकवरी के बाद MIS-C जैसी बीमारी भी देखने को मिली है ऐसे में कुछ परेशान करने वाली रिपोर्ट यह भी सामने आई कि जो बताती हैं कि आने वाले कुछ महीनों में बच्चों पर कोरोना मामले बढ़ेंगे.
आपको इस बात की जानकारी हो कि अभी देश में जितने भी वैक्सीन को लगाने की अनुमति दी गई है उसमें एक भी वैक्सीन ऐसी नहीं है जो बच्चों के लिए तैयार की गई हो. दुनिया के कुछ देशों में बड़े बच्चों को वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया है, लेकिन भारत में बच्चे अभी भी वैक्सीन लेने से दूर हैं। बच्चों पर कोवैक्सिन के उपयोग के लिए क्लिनिकल परीक्षण अभी भारत में शुरू हुए हैं, लेकिन फिर भी इसके लिए एक लंबा इंतज़ार करना पड़ सकता है। बच्चों के लिए वैक्सीन न सिर्फ उनके भविष्य की रक्षा करने के लिए ज़रूरी है, बल्कि गेश भर में हर्ड इम्यूनिटी के लिए भी महत्वपूर्ण है।
ऐसे में इस बात को जानना और समझना बहुत आवश्यक है कि आखिर बच्चों में कब तक वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. बता दें कि अमेरिका, सिंगापुर, जापान, दुबई, इज़राइल और यूरोप के कुछ हिस्सों सहित दुनिया भर के कई देशों में 12 वर्ष से ज़्यादा की उम्र वाले बच्चों को COVID-19 की वैक्सीन लगनी शुरू हो गई है। इसका परीक्षण साल 2020 के अंत में ही शुरू हुआ था, जिसमें फाइज़र-बायोनटेक, मॉडर्ना और सिनोफार्म जैसी कंपनियों ने छोटे बच्चों पर टीके की खुराक का परीक्षण करना शुरू किया था, जिससे उन्हें आपात स्थिति में आगे बढ़ने की अनुमति मिली।
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वहीं भारत में फिलहाल भारत बायोटेक ही बच्चों पर टीका का ट्रायल करने फिर तैयारी में जुटी हुई है जानकारी सामने आई है कि 3 साल से कम उम्र के बच्चों को टीका लगाने की अनुमति दे दी गई है हालांकि अभी भी ट्रायल जोरों से चल रहा है