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उत्तराखंड: तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू, बच्चों के लिए होगी 25-25 आईसीयू बेड की व्यवस्था

कोरोना की तीसरी लहर का प्रभाव बच्चों में ज्यादा होने की आशंका को देखते हुए सरकार व स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। हरिद्वार और हल्द्वानी में कोरोना संक्रमित बच्चों के लिए अलग से 25-25 आईसीयू बेड की व्यवस्था की जाएगी, यहां बच्चों को ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के अनुसार सभी तरह की सुविधाएं होगी।

सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी का कहना है कि प्रदेश में अभी तक बच्चों में कोरोना संक्रमण की स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण के प्रभाव की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। हल्द्वानी व हरिद्वार में संक्रमित बच्चों के लिए अलग से आईसीयू बेड लगाए जाएंगे। पब्लिक हेल्थ एडवाइजरी कमेटी और बाल विशेेषज्ञों से सुझाव लिए जा रहे हैं। कमेटी की सिफारिश व सुझावों के आधार पर बच्चों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी।

20 दिनों में 0 से 9 आयु के 2044 बच्चे संक्रमित
कोरोना संक्रमण के लिहाज से मई का महीना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहा। 1 से 20 मई तक 123868 लोग संक्रमित मामले मिले हैं, इनमें 0 से 9 आयु वर्ग के 2044 बच्चे भी शामिल रहे। जबकि 10 से 19 आयु वर्ग में 8661 बच्चे संक्रमित हुए हैं।

नौनिहालों को संक्रमण से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर 
कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को संक्रमण से बचाने की दिशा में शासन, देहरादून जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने सीएमओ से सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में पीडियाट्रिक आईसीयू बेड की संख्या तलब की है। साथ ही आईसीयू बेड बढ़ाने की संभावनाओं की जानकारी मांगी है।

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के सबसे अधिक संक्रमित होने व उनके इलाज को लेकर स्वास्थ विभाग की ओर से सारी तैयारियों को मुकम्मल किया जा रहा है। राजकीय दून अस्पताल, जिला अस्पताल कोरोनेशन में आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाने के साथ ही तमाम चिकित्सकीय उपकरण लगाए जा रहे हैं।

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राज्य के सभी जिला अस्पतालों के अलावा सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी अलग से पीडियाट्रिक वार्ड बनाए जा रहे हैं। इन सभी पीडियाट्रिक वार्डों में ऑक्सीजन युक्त बेड लगाने के साथ ही बच्चों के इलाज के लिए तमाम व्यवस्थाएं मुकम्मल की जा रही हैं। बच्चों के इलाज को लेकर राज्य के सभी बालरोग विशेषज्ञों के साथ बैठक कर इलाज की एसओपी तैयार कर ली गई है और जल्द ही उसे जारी किया जाएगा।

इलाज में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए स्वास्थ्य निदेशालय स्तर से कमेटी गठित करने के साथ ही सभी मेडिकल कॉलेजों में बाल रोग, फिजीशियन, पल्मनोलॉजी समेत तमाम विशेषज्ञों की अगुवाई मे कमेटी गठित की गई है। 

दून अस्पताल के लिए मंगाए जा रहे तमाम उपकरण
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के सबसे अधिक संक्रमित होने की संभावनाओं के मद्देनजर दून अस्पताल में इलाज की सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं। पीडियाट्रिक वार्ड में 70 बेड की जगह 100 बेड की व्यवस्था करने के साथ ही बच्चों के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाले सीपैक और वेंटिलेटर समेत तमाम चिकित्सकीय उपकरण मंगाए जा रहे हैं। एक माह के भीतर सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया जाएगा।

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