![school](/wp-content/uploads/2021/07/school.jpg)
उत्तराखंड : कोविड 19 के चलते बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे है अभिभावक
उत्तराखंड सरकार ने छठी से बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए 2 अगस्त से स्कूलों को फिर से खोलने के लिए मंजूरी दे दी है। लेकिन अभिभावक अभी ऐसा करने के खिलाफ हैं ।बहुत से अभिभावक ऐसा करने से कतरा रहे है।
उनका कहना है कि वे अपने बच्चों को तब तक स्कूल नहीं भेजेंगे जब तक या तो कोविड-19 का खतरा खत्म नही हो जाता या उनके बच्चो को टीका नही लगता।
रायपुर छेत्र की एक हाउसवाइफ आशा थापा ने कहा कि महीनों से चर्चा चली आ रही है कि कोविड 19 की तीसरी लेहर सबसे घातक बच्चों के लिए सिद्ध होगी। ऐसे में कैसे हम अपने बच्चों को स्कूल भेजने का सोच भी सकते है।
साथ ही उन्होंने बतया कि कोविड के चलते वो पहले ही आने पति को खो चुकी हैं । अब वो किसी तरह की भी लापरवाही नही करना चाहती। इसलिए जब तक टीकाकरण की व्यवस्था नही होती तब तक वो अपने बच्चों को स्कूल नहीं जाने देंगीं।
नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट राइट्स के अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि राज्य के कई माता पिता ने सरकार के इस फैसले पर अपनी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड के मद्देनजर बड़ी संख्या में कांवड़ यात्रा और सामाजिक समारोहों नही होने दे रही। क्योंकि उन्हें भी पता है कि खतरा बरकरार है। फिर ऐसे में वी कैसे इतने बच्चों की जिंदगी दाव में लगा सकते है।
आरिफ खान ने कहा, ” ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने बड़े स्कूलों के मालिकों के दबाव में यह निर्णय लिया है क्योंकि माता-पिता अपने बच्चों की जान जोखिम में डालने के लिए तैयार नहीं हैं। माता-पिता को सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा जा रहा है, जिसके अनुसार स्कूल प्रशासन को किसी छात्र की स्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। अगर स्कूल बच्चों की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं तो स्कूलों में उनकी जिम्मेदारी कौन लेगा?”
हालांकि, 15 से 18 वर्ष की आयु के छात्रों के कुछ अभिभावक अपने बच्चो को स्कूल जाने की अनुमति देने को तैयार है। उनके अनुसार बच्चे बड़े है और खुद का ख्याल रख सकते है। उनमें से ही एक अभिभावक गिरीश कुमार ने कहा कि उनका बेटा साइंस स्टूडेंट है और वो स्कूल जा कर पढ़ना चाहता है। इस शर्त में कि वो अपना ख्याल रखेगा और स्कूल कोविड गाइडलाइन्स का पालन करेगा उन्होंने अपने बेटे को स्कूल जाने की अनुमति दे दी है।
इसी बीच, प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन ने कहा कि सोमवार से स्कूलों को फिर से खोलने के संबंध में उन्हें अभिभावकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
ये भी पढ़े :- देहरादून : कमर्शियल वाहन मालिकों से बकाया कर वसूलेगा परिवहन विभाग