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सड़क दुर्घटना में उत्तराखंड के लोक गायक और संगीतकार गुंजन डंगवाल का हुआ निधन

देहरादून : नंदू मामा की स्याली रे कमला, गोरा रंग तेरो रे… उडंदु भौंरे… छमा चौक…आज लागलू मंडाण.. ढोल दमों… चैता की चैत्वाल… जैसे गीतों को पिरोने वाले उत्तराखंड के युवा लोक गायक और संगीतकार गुंजन डंगवाल का सडक हादसे में निधन हो गया. चंडीगढ़ में हुई लोकगायक की मौत की वजह से लोक कलाकारों में शोक की लहर दौड़ गयी है.

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चंडीगढ़ से लौटते वक्त हुआ हादसा 

गुंजन डंगवाल(Gunjan Dangwal) मूलतह अखोड़ी गांव जाखणीधार टिहरी के रहने वाले थे. उनका पूरा परिवार इस समय देहरादून के केदारपुरम में रहता है। 26 वर्षीय गुंजन ने देहरादून में ही अपना स्टूडियो खोला था। गुंजन ने संगीत में बहुत ही अल्प समय में बेहतर मुकाम हासिल पाया। लोकगायक सौरव मैठाणी(Saurav Maithani) द्वारा दी गयी जानकारी में बताया कि, ”वह शुक्रवार रात को निजी काम से चंडीगढ़ के लिए निकले थे, शनिवार सुबह चार बजे वापसी दून आते वक्त सड़क हादसे में उनका निधन हो गया।”

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उत्तराखंड संगीत जगत को बड़ी क्षति

लोकगायिका हेमा नेगी करासी(Hema Negi Karasi) ने बताया कि, ”उनके अधिकांश गीतों में गुंजन ने संगीत दिया। हंसमुख और मिलनसार गुंजन के निधन से उत्तराखंड संगीत जगत को बड़ी क्षति हुई है। इधर, गुंजन डंगवाल के आकस्मिक निधन पर इंटरनेट मीडिया पर लोक कलाकारों ने शोक व्यक्त किया। गीतकार रूहान भारद्वाज, पन्नू गुसाईं, घनानंद गगोडिया, कोमल राणा, पूजा काला, लोकेंद्र कैंतुरा, विकेस उनियाल, सीमा पंगरियाल ने शोक जताया।”

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