उत्तराखंड : देववन में बना देश का पहला क्रिप्टोगैमिक गार्डन, बन कर हुआ तैयार
देहरादून में देश का सबसे पहला क्रिप्टोगैम गार्डन बनके तैयार है। यहाँ पर आप पादपों की 76 प्रजातियां एक ही स्थान पर देख सकते है।ये प्रजातियां वातावरण को प्रदूषण मुक्त बनाती हैं। इनमें से कुछ प्रजातियां औषधीय महत्व से भी परिपूर्ण हैं। और कुछ खाने के लिए भी उपयोग की जाती है।
इस गार्डन को वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी द्वारा तैयार किया गया। इस गार्डन को सिर्फ 6 लाख रुपए में तैयार किया गया है। इस इलाके में देवदार और ओक के प्राचीन जंगल हैं। प्रदूषण मुक्त क्षेत्र होने के कारण यह क्षेत्र क्रिप्टोगैम के विकास के लिए एकदम सही है।
देहरादून स्थित वन अनुसंधान केंद्र के प्रमुख संजीव चतुर्वेदी ने कहा ,”क्रिप्टोगैम का अर्थ है छिपा हुआ प्रजनन। ऐसे पौधों में कोई बीज नहीं होता और न ही फूल होते हैं। क्रिप्टोगैम में शैवाल, ब्रायोफाइट्स (मॉस, लिवरवाट्र्स), लाइकेन, फर्न, कवक आदि प्रमुख समूह हैं। क्रिप्टोगैम को जीवित रहने के लिए नम परिस्थिति की आवश्यकता होती है। इन पौधों की प्रजातियां सबसे पुराने समूहों में शामिल हैं।”
उत्तराखंड में पादपों की बहुत सी प्रजातियां पाई जाती है। यहां क्रिप्टोगैम की 539 प्रजातियां, शैवाल की 346 प्रजातियां, ब्रायोफाइट्स की 478 प्रजातियां और टेरिडोफाइट्स की 365 प्रजातियां पाई जाती हैं। ब्रायोफाइट्स प्रदूषण को नियंत्रित करने में कारगर हैं। ये वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण को कम करते हैं। इस गार्डन के निर्माण का उद्देश्य पादपों की इन प्रजातियों को बढ़ावा देना और इनके महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है।