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उत्तराखंड: गंगोत्री हाईवे का 20 मीटर हिस्सा नदी में समाया, चीन सीमा से कटा संपर्क

गंगोत्री हाईवे सुनगर में दूसरे दिन भी बंद है। हाईवे का 20 मीटर हिस्सा नदी में गिर जाने के कारण रास्ता नहीं खुल सकता है। बीआरओ की दो मशीनें और 30 मजदूर हाईवे खोलने में जुटे हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने आज शाम तक हाईवे खुलने की उम्मीद जताई है।

बता दें कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र सुनगर गंगोत्री हाईवे के लिए नासूर बना हुआ है। सोमवार तड़के बिना बारिश के ही यहां भारी भूस्खलन से हाईवे अवरुद्ध हो गया था। सूचना मिलने के बाद से ही बीआरओ के मजदूर व मशीनें हाईवे खोलने में लगे हुए हैं लेकिन हाईवे पर रुक-रुक कर मलबा आने से रास्ता नहीं खुल पा रहा है। 

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जानकारी के अनुसार, सोमवार तड़के कुछ स्थानीय लोग गंगोत्री से गंगा जल लेने के निकले थे। उन्हें हाईवे के बाधित होने से वापस लौटना पड़ा। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हाईवे पर आवाजाही ठप होने से गंगोत्री धाम के साथ भारत-चीन सीमा पर स्थित अग्रिम चौकियों सहित उपला टकनौर क्षेत्र के हर्षिल, मुखबा, धराली, जसपुर, झाला, सुक्की, गंगनानी आदि गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। 

वहीं, हाईवे बंद होने के चलते एसडीआरएफ की टीम ने एक गर्भवती महिला को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया।
सुरंग निर्माण के लिए किए जा रहे विस्फोट, बिफरे ग्रामीण
श्रीनगर में विकास खंड खिर्सू के दिखोलयूं गांव के पास रेल सुरंग के लिए विस्फोट करने पर स्थानीय लोगों ने रोष जताया है। विरोध स्वरूप ग्रामीणों ने काम भी रोके रखा। ग्रामीणों का कहना है कि विस्फोट से मकानों में दरारें आ रही हैं।

वर्तमान में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे दिखोलयूं/डुंगरीपंत गांव में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलमार्ग परियोजना का काम चल रहा है। यहां सुरंग और रेलवे स्टेशन बनाए जा रहे हैं। दिखोलयूं के ग्रामीणों का आरोप है कि आरवीएनएल की ओर से नियुक्त कंपनी सुरंग बनाने के लिए विस्फोटकों का इस्तेमाल कर रही है। इससे उनके भवनों में दरारें आ रही हैं। लोगों के शौचालय के पिट टूट गए हैं। वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है।

पहले भी कई बार कार्यदायी संस्था से विस्फोट न करने का अनुरोध किया गया था लेकिन संस्था मानी नहीं। कंपनी के रवैये के खिलाफ रविवार को ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने काम रुकवाते हुए क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत की मांग की। मौके पर ग्रामीणों की दूरभाष पर एसडीएम से वार्ता हुई। एसडीएम की ओर से मंगलवार को मौके पर आने का आश्वासन मिलने पर ग्रामीण मान गए। 

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