उत्तर प्रदेश : अवैध निर्माण और कब्जे वाली संपत्तियों के बारे में बताएगा KDA को रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन
शहर में भूमि पर अवैध कब्जे तथा टाउनशिप बसने से रोकने के लिए कानपुर विकास प्राधिकरण अब हाइटेक सिस्टम को अपनाएगा। KDA (कानपुर विकास प्राधिकरण) की भूमि पर अवैध कब्जों को लेकर शहर में अफसरों की बहुत किरकिरी हो चुकी है। रिमोट सेंसिंग सिस्टम द्वारा इन कब्जों पर लगाम लगाने के लिए तैयारी की गई हैं। इसके द्वारा केडीए के अफसर बहुत जल्द अवैध प्लाटिंग तथा टाउनशिप बनाए जाने पर लगाम लग सकेगी।
KDA को रिमोट सेंसिंग द्वारा यह सूचना प्राप्त करेगा कि ऐसी उसकी कौन सी संपत्तियां हैं, जिनका मानचित्र को मंजूरी नहीं मिली तथा उन पर कब्जा हो रहा हैं।
शुक्रवार को KDA सभागार के उपाध्यक्ष ने रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन को लेकर एक बैठक की गई। केडीए की संपत्तियों के सत्यापन और निस्तारण के बारे में कहा गया कि संपत्तियों की पहचान कर उसके लेआउट को डिजिटल ईमेल पर लाया जाए।
रिमोट सेंसिग एप्लीकेशन से अवैध निर्माण, प्लाटिंग की सूचना प्राप्त कर इनके डाटाबेस से पुनर्विलोकन किया जा सकें। केडीए की जमीन में हो रहे अवैध निर्माणों पर प्रतिबंध लगाया जा सके।।
रिमोट सेंसिग एप्लीकेशन से प्राधिकरण की आवासीय संपत्तियों की सत्यापित किया जाएगा। उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने निर्देश जारी किया कि केडीए तथा जिले के दूसरे विभागों में इस तरह के अब तक जो भी काम हुए हैं। उन कामों को एक प्लेटफार्म पर लाकर समयबद्ध तरीके से निस्तारण किया जाएगा। रिमोट सेंसिग एप्लीकेशन सेंटर के आलोक सैनी, सचिव एसपी सिंह, अपर सचिव डा. गुडाकेश शर्मा बैठक में मौजूद रहे।
जनता दर्शन में केडीए उपाध्यक्ष के सामने यह बात आई कि प्राधिकरण ने जगह का विवाद होने के बाद भी आवंटी के पक्ष में भूखंड और मकान की रजिस्ट्री करावा दी है। इसके लिए विधि प्रभारी अधिकारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति बनाई गई हैं। रजिस्ट्री की जांच कर कमेटी 10 दिन के अंदर उपाध्यक्ष को इसकी रिपोर्ट सौप देगी।