उत्तर प्रदेश : लखनऊ शहर बनेगा ऐतिहासिक धार्मिक पर्यटन स्थल
तहजीब के शहर कहे जाने वाले लखनऊ में अलीगंज का हनुमान मंदिर हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है। चौक में अली तथा बजरंग बली का अखाड़ा विशेष है। वाराणसी के जैसे ही मनकामेश्वर उपवन घाट पर आरती होती है। हनुमत वाटिका और हनुमत धाम देवरहा घाट पर धार्मिक पर्यटक का नया स्थल बन रहे है। हनुमत वाटिका पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगी।
लखनऊ में देवरहा घाट के पास श्रीराम भक्त हनुमान मंदिर के निर्माण में बनारस की काली मिट्टी से बनी विशेष ईंटों का इस्तेमाल हो रहा है। अपनी तरह के इस इकलौते नव निर्मित मंदिर का निर्माण राजधानी में पिछले सात सालों से हो रहा है। निर्माण के बाद यह मंदिर हनुमत धाम के नाम से पहचाना जाएगा।
मंदिर के महंत रामसेवक दास ने कहा कि करीब 400 साल पुराने आश्रम में हनुमान जी के ऐतिहासिक मंदिर के साथ ही दो अन्य प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। गोमती नदी के किनारे बनने वाले आदि गंगा, नए पर्यटन स्थल पर हनुमत वाटिका भक्तों को भक्ति का एहसास कराएगी। मंदिर प्रांगण में स्थापित सवा लाख हनुमान जी के प्रतीक श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगी।
बनारस की काली मिट्टी से बनीं ईटों में छेंद बना हुआ है जो मंदिर की गर्मी को बाहर करके बाहर की ठंडी हवा मंदिर के अंदर लाने का काम करेगी। इन ईंटों से बनने वाली दीवारों पर प्लास्टर नहीं किया जायेगा। बारिश के मौसम में मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को सोंधी मिट्टी की खुशबू का एहसास मिलेगा।
भूतल पर पुराने हनुमान जी का मंदिर होगा जहां श्रद्धालु बजरंगबली को सिंदूर अर्पण करेंगे। हनुमान जी प्रथम तल पर आशीर्वाद मुद्रा में दिखेंगे। प्रथम तल से गोमती नदी के किनारे जाने के लिए सीढियों का काम पूरा हो चुका है। 30 टन की हनुमान की प्रतिमा को भूतल से 151 फीट ऊंचाई पर लगाई गई है। राजधानी में यह इकलौती प्रतिमा गोमती के किनारे दिखेगी।
जहां एक ओर मंदिर का गुंबद गदे के आकार का बनाया जा रहा है तो दूसरी तरफ मंदिर की दीवारों पर हनुमान जी की मुद्राओं को संगमरमर की पेंटिंग्स के द्वारा दिखाने की कोशिश की गई है। मंदिर में सभी तरफ हनुमान की मूर्तियां श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेंगी। सत्संग हाल के साथ ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एसी को भी लगाया जाएगा।
मंदिर प्रांगण में बनी हनुमत वाटिका में सीढिय़ां बनी हुई हैं जहां श्रद्धालु शांति का एहसास कर सकते है। आदि गंगा गोमती के किनारे बने व्यासपीठ पर कथाचार्य कथा का गुणगान करेंगे और हनुमत धाम में विराजित हनुमान कथाचार्य के सम्मुख होंगे।
हनुमत धाम मंदिर के महंत रामसेवक दास ने कहा कि ज्येष्ठ के बड़े मंगल पर अगले साल हनुमत धाम मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुल सकते है। ज्येष्ठ के मंगलवार को सुबह से लेकर शाम तक मंदिर परिसर में राहगीरों को मिठाई के साथ ठंडे पानी को बांटा जाएगा।