Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश : हनुमान मंदिर और मनकामेश्वर मंदिर के बाद नानकशाही मठ को भी मिला धमकी भरा खत

लखनऊ : हनुमान मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर तथा आरएसएस कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी भरे पत्र के जैसा पत्र नानक शाही मठ भी पहुंचा गया। इस खत को भी रजिस्टर्ड डाक से भेजा गया। मठ के महंत धर्मेंद्र दास को सोमवार को यह पत्र मिला। मठ अखिल भारतीय उदासीन संप्रदाय संगत से संबंधित है। खत मिलते ही महंत ने हसनगंज पुलिस को तुरंत मामले की जानकारी दी।

इंस्पेक्टर हसनगंज यशकांत सिंह ने कहा कि अलीगंज नया हनुमान मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर और नानक शाही मठ में भेजे गए खत एक ही भाषा में लिखें है। इसकी जांच की जा रही है। मठ के महंत धर्मेंद्र दास ने कहा कि कई दिनों से वह तथा मठ के महंत मनीषा नंद मठ से बाहर थे। यह पत्र पांच दिन पहले मठ के गो-सेवक विपिन को मिला था। खत को रजिस्टर्ड डाक से भेजा गया था।

पत्र में लिखा कि जिन मुजाहिदो को आपकी हुकूमत की ईन्तहाई फिरकापरस्त सोच की कारण से हिरासत में लिया गया है। उन्हें तुरंत छोड़ दिया जाए। हमारी कौम के सब्र का ईम्तहान लिया न जाए। इसके सिवा लिखा कि शहर के प्रमुख मंदिरों तथा आरएसएस कार्यालय हमारे निशाने पर है। 14 अगस्त एक पकड़े गए लोगों को छोड़ने के लिए कहा गया। ना छोड़ने पर अंजाम भुगतने की धमकी मिली है।

हिंदू महिलाओं के लिए खत में अपशब्द कहे गए है। खत के लिफाफे में पहले की तरह ही भेजने वाले के नाम जोगिन्दर सिंह और पता खदरा लिखा है। पहले मंदिरों तथा आरएसएस आफिस को मिले धमकी भरे खत मामले में पुलिस ने दिल्ली के रहने वाले शफीक को हिरासत में लिया था। उसके पास से पुलिस को खत की फोटो कापी भी मिली थी।

शफीक से एटीएस तथा खुफिया विभाग ने भी पूछताछ की थी। शफीक धार्मिक कट्टरपंथी था। मदसरों में रहता था। कई महिलाएं तथा लड़िकयां उससे जुड़ी हुई थीं। शफीक उनका मतांतरण कराना चाह रहा था। मोबाइल डाटा भी डिलीट था। जिससे एटीएस द्वारा जांच के लिए मोबाइल को फोरेंसिक साइंस लैब में भेजा गया था। डाटा रिकवर होने पर कई चीजों की जानकारी मिलेगी।

एक अगस्त को नया हनुमान मंदिर तथा मन कामेश्वर को धमकी भरे खत और मठ में मिले खत की भाषा एक जैसी ही है लेकिन उनपर हस्ताक्षर अलग अलग हैं। इसे लेकर भी पुलिस जांच पड़ताल कर रही हैं। इंस्पेक्टर ने कहा कि फैक्ट के सामने आने पर ही उसके आधार पर कार्यवाही की होगी।

मठ बहुत ही संवेदनशील जगह है। कई बार पहले भी मठ की जमीन को कब्जे को लेकर दो पक्षों में विवाद हो चुके हैं। इसलिए उच्चाधिकारियों के आदेश पर मठ की सुरक्षा में एक कंपनी पीएसी पहले से ही लगी हुई है। 24 घंटे पीएसी के जवान यहां ड्यूटी करते हैं। महंत ने कहा कि कुछ दिनों पहले कुछ लोगों ने मठ के पास मांस का टुकड़ा फेंका था। जिसकी भी सूचना पुलिस को दी गई थी।

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