उत्तर प्रदेश : नई शिक्षा नीति के आधार पर 4 साल का होगा BBA कोर्स
लखनऊ : 14 साल बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के न्यू कैंपस में बने इंस्टीट्यूट आफ टूरिज्म स्टडीज में गवर्निंग बोर्ड बनाई गई है। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की नेतृत्व में हुई पहली बैठक में फैसला लिया गया कि नई शिक्षा नीति के मुताबिक बीबीए टूरिज्म कोर्स अब तीन की जगह चार सालों का होगा।
पहले से चौथे साल के मध्य किसी भी वक्त कोर्स छोड़ने की आजादी रहेगी। शिक्षा नीति के मुताबिक छात्रों को सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री या डिग्री विथ रिसर्च मैथेडोलाजी मिलेगी।इंस्टीट्यूट आफ टूरिज्म स्टडीज की निदेशक डा. अनुपमा श्रीवास्तव ने कहा कि पहले भी गवर्निंग बोर्ड बना था। लगभग 14 सालों बाद बोर्ड का रिनीवल नहीं हुआ।
अब कुलपति की नेतृत्व में गवर्निंग बोर्ड को बनाया गया है। बीबीए टूरिज्म कोर्स को इसमें नए सिरे से अनुमति दे दी गई है। एक साल की पढ़ाई करने पर सर्टिफिकेट, दो साल पढ़ाई करने पर डिप्लोमा, तीसरे साल पढ़ाई करने पर डिग्री तथा चौथे साल में डिग्री विथ रिसर्च मैथेडोलाजी दी जाएगी।
छात्रों के लिए कोर्स में नए पेपर को जगह दी गई हैं। न्यू डिस्ट्रीब्यूशन टेक्नोलाजी नाम से शामिल किए गए नए पेपर में एयर लाइंस की सहायता से टिकट बांटने से लेकर पूरे सिस्टम की सूचना दी जाएगी।
यूपी में टूरिज्म की संभावनाओं के चलते एक नया पेपर को शामिल किया गया है। सरकार की टूरिज्म नीति, बीते सालों में टूरिज्म विस्तार, नेशनल पार्क समेत अन्य चीजें पढ़ाई जाएंगी। इसके सिवा स्पेशल इंट्रेस्ट टूरिज्म, ट्रवल राइटिंग, वेल्नेस एंड टूरिज्म विषय को भी स्थान दिया गया है।
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि 2005 में सभी इंस्टीट्यूट के लिए बोर्ड आफ गवर्निंग बनाया गया था। बोर्ड आफ गवर्निंग से कोर्स पास करके एकेडमिक काउंसिल को भेजा जाता था।
बीते सालों से इंस्टीट्यूट्स के अंदर गवर्निंग बोर्ड की प्रथा टूट गई थी। इस प्रथा को एक बार फिर से सभी इंस्टीट्यूट में शुरू किया जाएगा। गवर्निंग बोर्ड बनाकर सिलेबस बनाने, उसे रिवाइज्ड करने के प्रस्ताव को गवर्निंग बोर्ड से मंजूर कराने के बाद एकेडमिक काउंसिल को भेजा जाएगा।