पैरा एशियाई खेलों में भारत का मान बढ़ाने निकली यूपी की बेटी गुलशन
पैरा एशियाई खेलों में जूडो स्पर्धा में प्रतिभाग करेगा भारतीय दृष्टिबाधित जूडोका
लखनऊ: चीन के हांगजऊ में आयोजित हो रहे एशियन पैरा गेम्स में जूडो स्पर्धा में भारतीय दृष्टिबाधित जूडोका हिस्सा ले रहे हैं। इन खिलाडियों में यूपी की गुलशन भी शामिल हैं। बता दें कि यूपी के सहारनपुर से आने वालीं गुलशन आंशिक रूप से दृष्टिबाधित हैं। गुलशन बताती हैं कि उन्होंने सबसे पहले आत्मरक्षा की ट्रेनिंग ली। धीरे-धीरे उनकी रुचि इसमें बढ़ती गई और पिछले डेढ़ सालों से वे इंडियन पैरा जूडो अकादमी लखनऊ में प्रैक्टिस कर रही हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई, बैंक में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत
बता दें कि चीन में आयोजित होने वाले इन एशियाई पैरा खेलों में यूपी, मध्य प्रदेश, हरियाणा एवं महाराष्ट्र के दस खिलाड़ी और छह ऑफिशियल भाग ले रहे हैं। जिनमें छह महिला, चार पुरुष, एक चीफ कोच, एक महिला कोच, दो स्कोर्ट और दो ऑफिशियल हैं। यह टीम आईएएस अवनीश कुमार अवस्थी (संस्थापक अध्यक्ष, इंडियन ब्लाइंड एंड पैरा जुडो एसोसिएशन) के नेतृत्व में हिस्सा लेगी। वहीं, यूपी के बेटी गुलशन भी इसी टीम का हिस्सा है। इस बात की जानकारी इंडियन ब्लाइंड एंड पैरा जुडो एसोसिएशन ने मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में दी। बता दें कि गुलशन की पढ़ाई देहरादून में हुई। स्नातक और परास्नातक के लिए उन्होंने दिल्ली रुख किया और दिल्ली यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई की। वे पिछले डेढ़ सालों से इंडियन पैरा जूडो अकादमी (हलवासिया कोर्ट, लखनऊ) में प्रैक्टिस कर रही हैं। 2022 में उन्होंने ट्रेनिंग की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कजाकिस्तान, जापान, अजरबैजान, फिनलैंड और इंग्लैंड में पैरा खेलों में प्रतिभाग किया और मेडल्स भी अपने नाम किए। इस बार भी वे लखनऊ से चीन जा रही टीम का हिस्सा हैं।
खेलों के प्रति योगी सरकार का रिस्पांस हमेशा से ही पॉजिटिव
एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष आईएएस अवनीश कुमार अवस्थी के नेतृत्व ने यह टीम चीन पहुंचेगी और खेलों में प्रतिभाग करेगी। अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि शुरू से ही योगी आदित्यनाथ सरकार का रिस्पांस खेल और खिलाडियों के प्रति पॉजिटिव रहा है। खिलाडियों को हर संभव मदद पहुंचाने का प्रयास सरकार और अधिकारियों द्वारा दिया गया है। यही वजह है कि यूपी के खिलाड़ी आज विदेशों में देश और प्रदेश का मां बढ़ा रहे हैं। इस टीम में अलग-अलग राज्य के खिलाड़ी हैं जिन्हें यूपी सरकार ने सपोर्ट दिया है और आगे भी देती रहेगी। मेडलिस्ट को हम सीधे तौर पर स्पोर्ट्स कोटा के तहत सरकारी नौकरियों में नियुक्ति देते हैं जिससे दूसरे खिलाडियों का भी मनोबल बढ़ता है। हम लगातार स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर कर रहे हैं और सरकार की मंशा के अनुरूप हम यूपी से बेहतरीन खिलाडियों को तैयार कर रहे हैं जिससे वे विदेशों में भी हमारे देश का मान बढ़ाएं। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, खेलों इंडिया आदि इसी दिशा में सरकार के बढ़ते कदम है।
खुद को कभी भी किसे से कम न समझें: सुभाष चन्द्र शर्मा
पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के प्रमुख सचिव आईएएस सुभाष चंद्र शर्मा भी इस प्रेस वार्ता में मौजूद रहे। उन्होंने खिलाडियों की हौंसला अफजाई करते हुए कहा कि आप सभी अपने-अपने प्रदेश को नहीं बल्कि पूरे देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। आप कभी भी किसी से भी खुद को कम न समझें, यह आपकी मेहनत का नतीजा है की आप यहां पहुंचे हैं। विदेश में देश का प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी आप सभी के कंधों पर है। हमारा विभाग भी दिव्यांगों को सशक्त करने के पथ पर आगे बढ़ रहा है। 2016 एक्ट इसी का एक उदाहरण है। हमारा विभाग इसी को एग्जीक्यूट करने में जुटा हुआ है। सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही दिव्यांगों के लिए डेडिकेटेड यूनिवर्सिटी है जिसका नाम डॉ. शकुंतला मिश्र राष्ट्रीय पुनर्वास विवि नाम है। यह सरकार की मंशा है कि दिव्यांगों को मुख्यधारा से जोड़ा जाए और हम सभी इसी प्रयास में लगे हुए हैं।