यूपी में दवा कारोबार का हब बनाएगी योगी सरकार
सरकार की निवेशकों को उनकी जरूरत के मुताबिक
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में रिकॉर्ड निवेश लाने के बाद अब प्रदेश की योगी सरकार यूपी को दवा कारोबार का हब बनाने की ठानी है। इसी क्रम में योगी सरकार के द्वारा 2018 में बनाई गई फरमाक्यूटिकल नीति में संशोधन कर नई नीति लाने का फैसला किया है। संशोधित कन्नई नीत लाने का फैसला सरकार कच्चे माल के रूप में एक्टिव फॉर्मेट गर्ल्स इन ग्रैंड निर्माण करने वाली कंपनी को बड़ी राहत प्रदान कर सकती है।
आपको बता दें कि दवा निर्माण के क्षेत्र में कार्य देश तथा विदेश की बड़ी कंपनियां यूपी में निवेश करने में निकलेंगे दवा के कच्चे माल के लिए कंपनियां विदेश और चीन पर कब निर्भर होंगी आर यू पी दवा निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। वहीं अधिकारियों ने बताया कि फर्मेट कर्ज नीति के चलते प्रदेश में 25000 करोड़ से अधिक का निवेश होगा। दवा के कच्चे माल को तैयार करने के लिए देश के कई जिलों में निवेशक बल्क ड्रग पार्क बनाए जिसमें हजारों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे साथी सरकार इन्फ्राट्रक्चर उपलब्ध कराकर निवेशकों को आकर्षित करने का भी कार्य करेगी।
सरकार की निवेशकों को उनकी जरूरत के मुताबिक 5, 10 ,15 20, 30 ,50 सेकंड के कुल 94 भूखंड उपलब्ध कराएगी और इन भूखंडों को पार्क में बदलने के लिए सरकार विकास पर 16 सौ से अधिक करोड़ खर्च करेगी। इस डला से कॉलिंग सिस्टम और विक्रम का नेटवर्क विद्युत केंद्र पानी की उपलब्धता साल में एक वर्ड स्टेशन प्लान सेंट्रल एक प्लेट एडमिन प्लांट ठोस कचरा प्रबंधन और pm जी क्या फोटो आज की व्यवस्था की जाए। सरकार का मत है कि राज्य में दवा कारोबार का सबसे बड़ा बाजार होगा दवा उद्योग को यूपी में निवेश के लिए आकर्षित करेगी क्योंकि यूपी में दवा उद्योग के लिए बहुत संभावनाएं हैं। प्रदेश में 208 मेडिकल बायो टेक्नोलॉजी और फार्मेसी कॉलेज और एक लाख से अधिक फार्मेसिस्ट तथा 3 दर्जन से अधिक दवा बनाने वाली कंपनियां है।