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यूपी विधानसभा बजट सत्र: हंगामे के बीच राज्‍यपाल आनंदीबेन ने दिया अभिभाषण, पढ़िए मुख्य बिंदु…

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को बजट सत्र की शुरुआत हुई। सत्र शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण एक घंटे 10 मिनट तक चला। इस दौरान सपा विधायक ‘राज्यपाल वापस जाओ’ के नारे लगाते रहे। सरकार विरोधी, बेरोजगारी और महंगाई के पोस्टर लहराए गए। सपा विधायकों ने वेल तक पहुंचकर हंगामा भी किया। बता दें कि छह दिनों तक चलने वाले इस सत्र में योगी सरकार 26 मई को अपना 6.5 लाख करोड़ का बड़ा बजट पेश करेगी होगा।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के प्रमुख बिंदु:

विगत 05 वर्षों में प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 43.5 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं, स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत 2.61 करोड़ व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराया गया।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से 1.67 करोड़ नि:शुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए गए। सौभाग्य योजना के माध्यम से 1.41 करोड़ नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन दिए गए।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत 2.55 करोड़ किसानों को 42 हजार 565 करोड़ रुपये हस्तान्तरित किए गए तथा 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये का फसली ऋण माफ किया गया।

सेण्टर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आकलन के अनुसार जून 2016 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत थी, जो अप्रैल 2022 में घटकर 2.9 प्रतिशत रह गई है।

वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2021 में डकैती के मामलों में 73.94 प्रतिशत, लूट की घटनाओं में 65.88 प्रतिशत, हत्या के मामलों में 33.95 प्रतिशत तथा बलात्कार के अपराध में 50.66 प्रतिशत की कमी आयी।

अवैध कृत्य से अर्जित की गयी सम्पत्तियों के जब्तीकरण/ध्वस्तीकरण व अवैध कब्जे से 02 हजार 81 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की सम्पत्तियां अवमुक्त कराई गईं।

उत्तर प्रदेश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर ही नहीं, अपितु सरप्लस राज्य के रूप में देश में अपना स्थान बनाए हुए है। प्रदेश में वर्ष 2020-21 में 619.47 लाख मी. टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है।

कृषकों को उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नैम) के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश की 125 मण्डियों में वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 432 करोड़ रुपये का डिजिटल व्यापार किया गया है।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत कृषकों की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 05 लाख रुपये दिए जाने का प्राविधान है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना के अन्तर्गत 600 करोड़ रुपये की धनराशि से 12 हजार लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा।

चीनी उद्योग उत्तर प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण उद्योग है जो प्रदेश के लगभग 45.44 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की आजीविका का मुख्य आधार है।

पेराई सत्र 2016-17 में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर था, जो पेराई सत्र 2021-22 में बढ़कर 27.60 लाख हेक्टेयर हो गया। इस वृद्धि से परिलक्षित होता है कि प्रदेश के किसानों का रुझान गन्ने की खेती की ओर लगातार बढ़ रहा है।

45.44 लाख गन्ना किसानों को पेराई सत्र 2017-18 से पेराई सत्र 2021-22 तक के सापेक्ष, दिनांक 16 मई, 2022 तक, 01 लाख 72 हजार 745 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का रिकॉर्ड भुगतान किया गया है।

वर्ष 2016-17 में प्रदेश में एथेनॉल का उत्पादन 43.25 करोड़ लीटर था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 107.21 करोड़ लीटर हो गया है, अब उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा एथेनॉल आपूर्तिकर्ता राज्य बन गया है।

वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 की अवधि में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की कुल 219.12 लाख मीट्रिक टन खरीद की गयी। इसके माध्यम से 46 लाख 47 हजार किसानों को लाभान्वित करते हुए 40 हजार 159 करोड़ रुपये का भुगतान कराया गया।

280.09 लाख मीट्रिक टन धान की कुल खरीद करते हुए 42 लाख 90 हजार 474 किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाया गया। इसके तहत किसानों को 50 हजार 420 करोड़ रुपये का भुगतान कराया गया।

निराश्रित/बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए प्रदेश में कुल 6,195 गो-आश्रय स्थल स्थापित हैं, जिनमें 09 लाख 67 हजार 923 गोवंश संरक्षित किए गए हैं। ‘मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के अन्तर्गत 01 लाख 31 हजार से अधिक गोवंश इच्छुक पशुपालकों की सुपुर्दगी में दिए गए हैं।

पोषण मिशन के तहत कुपोषित परिवारों को 2,050 गोवंश उपलब्ध कराए गए हैं। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने के उद्देश्य से इस क्षेत्र के प्रत्येक जनपद में 05-05 गो-आश्रय केन्द्र स्थापित किए गए हैं।

सरकार द्वारा लगभग 98.88 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

विगत पांच वर्षों में दशकों से लम्बित चल रहीं बाणसागर, अर्जुन सहायक, सरयू नहर सहित कुल 20 सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण की गयी हैं जिनसे 21.42 लाख हे0 अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन किया गया। इससे प्रदेश के 44.72 लाख कृषक लाभान्वित हुए।

प्रदेश में 34,307 राजकीय नलकूपों तथा 252 लघु डाल नहरों द्वारा कृषकों को मुफ्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

आज उत्तर प्रदेश की पहचान एक्सप्रेस प्रदेश के रूप में सशक्त हो रही है।

बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना का निर्माण कार्य निर्धारित लक्ष्य के अनुसार गतिमान है तथा इस वर्ष जून के अन्तिम सप्ताह में कार्य पूर्ण हो जाएगा।

594 किमी लम्बी 06 लेन गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। राज्य के सभी एक्सप्रेस-वे के किनारे इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर विकसित करने का निर्णय लिया गया है।

उत्तर प्रदेश शीघ्र ही पांच अन्तर्राष्ट्रीय हवाई-अड्डों वाला देश का एक मात्र राज्य बन जाएगा।

प्रदेश से निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले 05 वर्षों में निर्यात 88 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाकर सुशासन के लक्ष्यों को हासिल कर रही है।

आगामी 05 वर्षों में कुल 02 करोड़ स्मार्ट फोन/टैबलेट वितरित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

पिछले 05 वर्षों में 705 नए 33/11 के0वी0 उपकेन्द्र स्थापित किए गए हैं तथा 1413 उपकेन्द्रों की क्षमता बढ़ाई गई है।

प्रदेश में स्थापित सौर ऊर्जा आधारित कुल 1819 मेगावॉट क्षमता की परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन किया जा रहा है।

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