
यूपी: यूनिफॉर्म सिविल कोड पूरी तरह असंवैधानिक- मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
डॉ मोइन अहमद खान ने बताया कि मुस्लिम समुदाय सहित अनेक समुदायों को अपने धार्मिक विधि के अनुसार
लखनऊ: देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की मांग के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे पूरी तरह असंवैधानिक बताया है। वहीं अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव डॉ मोइन अहमद खान ने बताया कि मुस्लिम समुदाय सहित अनेक समुदायों को अपने धार्मिक विधि के अनुसार विवाह तलाक के अधिकार भारत की स्वतंत्रता के पूर्व से प्राप्त है, मुस्लिम समुदाय को 1937 से इस सम्बंध में मुस्लिम एप्लिकेशन एक्ट के अंतर्गत संरक्षण प्राप्त है।
उन्होंने बताया स्वतंत्रता उपरांत भी संविधान सभा मे इस सम्बंध में हुई बहस में प्रस्तावना समिति के चेयरमैन बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि सरकार इसे धार्मिक समुदाय पर छोड़ दे और सहमति बनने तक इसे लागू न करे। उन्होंने कहा बोर्ड इस सम्बंध में कहना चाहता है कि यूनिफार्म सिविल कोड पर सभी धर्मिक समूहों के संगठनों पर सर्वप्रथम सरकार अपने मसौदे के साथ सार्थक सकारात्मक चर्चा करे।
बिना चर्चा के यूनिफार्म सिविल कोड पर चल रही बहस संविधान सम्मत नही है। यूनिफार्म सिविल कोड पर अनेक किंतु परन्तु है किंतु समाज और धार्मिक समूहों से चर्चा के बिना कोई भी धार्मिक समूह इसे अंगीकृत नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ने मुस्लिम समुदाय पर यूनिफार्म सिविल कोड लागू न करने की अपील की है।