मो.उमर के बारे में हुआ चौंकाने वाला खुलासा,जानिए क्या ?
यूपी के फतेहपुर जिले में धर्मांतरण के मामले में आरोपी उमर गौतम शहर के जिस इंग्लिश मीडियम स्कूल में आता जाता था, वहां की एक शिक्षिका ने गहरी साजिश की आशंका तीन महीने पहले ही जताई थी। शिक्षिका ने आरोप लगाया था कि स्कूल में हिंदू बच्चों को अरबी और उर्दू पढ़ाने का दबाव बनाया जाता था। जब उसने मना किया तो उसे नौकरी से निकाल दिया गया। स्कूल के प्रबंधक और उसके बेटे के खिलाफ 20 मार्च 2021 को उसने मुकदमा भी दर्ज कराया था जिसमें पुलिस ने चार्जशीट लगाई है। शिक्षिका कल्पना सिंह ने बताया कि 2020 में 20 से 25 मौलानाओं के साथ उमर गौतम स्कूल आया था। वह पहले भी आता-जाता रहा है। स्कूल में उमर और मौलाना मुस्लिम धर्म के प्रति लुभाने वाले भाषण देते थे। मौलाना धर्म परिवर्तन करने पर गरीबी दूर करने का प्रलोभन देते थे। शिक्षिका का आरोप है कि हिंदू बच्चों को उर्दू व अरबी पढ़ाए जाने का उसने विरोध किया था।
तभी स्कूल प्रबंधतंत्र ने स्कूल से निकाल दिया था। शिक्षिका ने स्कूल के प्रबंधक व उसके बेटे के खिलाफ 20 मार्च 2021 में सदर कोतवाली में दर्ज कराया था। कोतवाल सत्येंद्र सिंह ने बताया मामले में चार्जशीट लग चुकी है। स्कूल प्रबंधन की पड़ताल की जा रही है। मोहम्मद उमर के भी यहां आने की जानकारी हुई है। इसी स्कूल में उसके फंडिंग की भी बात पता चली है। इन सब बिंदुओं पर पड़ताल चल रही है।
जिनकी लाइसेंसी रिवाल्वर थी। एक बार श्याम को पैसे की जरूरत हुई तो उसने अपने पिता की रिवाल्वर एक रिश्तेदार के यहां पैसे लेकर चुपचाप बेच दी। करीब तीन माह तक इसकी भनक किसी को नहीं लगी। परिजनों को जब जानकारी हुई तो हंगामा खड़ा हो गया। श्याम को बुलाकर जानकारी ली गई। कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने बताया कि रिवाल्वर बेच दी है। जिस व्यक्ति ने रिवाल्वर खरीदी थी वह रिश्तेदार निकला। काफी मशक्कत के बाद रिवाल्वर वापस मिली। इसके लिए पिता धनराज ने श्याम को पीटा भी था।
श्याम प्रताप ने बचपन में अपने पिता का रिवाल्वर चोरी करके एक व्यक्ति को दे दिया था। इसके एवज में श्याम ने पैसा लिया था। परिजनों को दो महीने बाद जानकारी हुई थी। जिसके बाद श्याम की घर में पिटाई हुई थी। श्याम बचपन से पढ़ाई में अच्छा था। पढ़ाई के दौरान एक किस्सा भी लोगों ने बताया। ग्रामीण बताते हैं कि बचपन में श्याम के पिता धनराज सहायक विकास अधिकारी थे।
धर्मांतरण के मास्टर माइंड उमर की संपत्तियों का पता लगाने के लिए राजस्व टीम ने उमर और उसके परिजनों की संपत्तियों से जुड़ी खसरा-खतौनी खंगालनी शुरू कर दी है। सदर तहसीलदार विदुषी सिंह ने बताया कि गांव में राजस्व टीम को भेजा गया था। जहां पर श्याम की हिस्से की जमीन करीब 12 बीघे है। अभी अन्य जमीनों की जांच चल रही है। फिलहाल गांव में जमीन अभी श्याम के नाम से दर्ज है।
विकास खंड के छीतमपुर गांव में रहने वाले एक परिवार ने धर्मांतरण कर लिया है। ईसाई मिशनरी ने इस गांव में पहले गरीबों को गोद लिया था। बाद में पूरा परिवार ईसाई बन गया। घर में एक लड़की नर्स बन गई। जो इस समय शहर के एक मिशनरी अस्पताल में काम कर रही है। इसके भाई को मिशनरी के लोगों ने एक नौकरी लगवा दी थी। इस बात की चर्चा लोगों में है कि धर्म परिवर्तन को हिंदू संगठनों को आगे आने की जरूरत है।