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UP : बीजेपी ने की 7 नए मंत्रियों के साथ चुनावी चक्रव्यूह को भेदने की तैयारी
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे टर्म के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में चुनावी जरूरतों के हिसाब से सामाजिक व क्षेत्रीय गणित साधने की कोशिश की है। उत्तरप्रदेश के सात नए चेहरों में एक ब्राह्मण के साथ चार पिछड़े और पहली बार अनुसूचित जाति के दो नए चेहरों को जगह देकर पहले से मौजूद चेहरों के साथ सामाजिक व क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश की गई है।
इससे प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी हाईकमान की 2022 के विधानसभा चुनाव में यूपी फतह की फिक्र साफ झलक रही है।प्रधानमंत्री मोदी ने कौशल किशोर और अजय मिश्र जैसे चेहरों को जगह देकर यह संदेश दिया है कि केंद्रीय नेतृत्व की नजर एक-एक जनप्रतिनिधि पर है।
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मोहनलालगंज से MP कौशल किशोर ने जिस तरह कोरोना महामारी और पंचायत चुनाव के दौरान सार्वजनिक रूप से सवाल उठाए थे, उसे देखते हुए उनको मंत्रिमंडल में शामिल करके प्रधानमंत्री ने संभवत: यह साफ करने की कोशिश की है कि बीजेपी पूरी तरह लोकतांत्रिक परंपराओं पर भरोसा करती है और अभिव्यक्ति की आजादी की भी पक्षधर है।
प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल में अब तक यूपी से खुद मोदी सहित पिछड़े वर्ग के चार, दो ठाकुर, एक ब्राह्मण, एक सिख, एक पारसी शामिल थे। सात नए मंत्रियों को शामिल करने के बाद प्रदेश के 15 मंत्रियों में सात पिछड़े, दो ब्राह्मण, दो ठाकुर, एक सिख, एक पारसी और अनुसूचित जाति के दो चेहरे हो गए हैं।
पिछड़ों में कुर्मी जाति से संबंधित बृज क्षेत्र के संतोष गंगवार को मंत्रिमंडल से हटाया गया है तो पूर्वांचल में गोरखपुर से लगे महराजगंज से छह बार के सांसद कुर्मी बिरादरी के पंकज चौधरी और वाराणसी से लगे मिर्जापुर से दूसरी बार की सांसद व भाजपा के सहयोगी अपना दल की अनुप्रिया पटेल को शामिल कर कुर्मियों की नाराजगी से बचने की कोशिश की गई है।
अपना दल की प्रमुख अनुप्रिया पटेल को मंत्रिमंडल में शामिल करने के बाद प्रदेश से अब तीन महिलाएं मोदी की कैबिनेट में हो गई हैं। अनुप्रिया पटेल से पहले अमेठी से सांसद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी तथा फतेहपुर से सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ही केंद्र सरकार में मंत्री थीं।