TrendingUttar Pradesh

UP News: हमने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट दिया, आपने वन डिस्ट्रिक्ट वन माफियाः योगी आदित्यनाथ

वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट ने एमएसएमई को नया जीवन दिया, आज यूपी एक्सपोर्ट का हब बनाः सीएम योगी

-ओडीओपी को लेकर सीएम योगी ने अखिलेश यादव के वक्तव्य का दिया करारा जवाब

-कौन सा जिला था जहां एक माफिया नहीं था, कहीं संगठित अपराध, कहीं खनन, कहीं वन माफिया थेः योगी आदित्यनाथ

-यही लोग दलितों, गरीबों, वंचितों, पिछड़े के हक पर डकैती डालते थे, जब कुछ नहीं होता तो जाति-जाति चिल्लाने का काम करते हैः मुख्यमंत्री

लखनऊ। मंगलवार को नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट को लेकर सरकार के प्रयासों का मजाक उड़ाया था तो बुधवार को सीएम योगी ने उनके आरोपों का करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट ने एमएसएमई को नया जीवन दिया है। इसी का परिणाम है कि यूपी एक्सपोर्ट का हब बना है।

यूपी आज 2016 -17 की तुलना में दोगुने से अधिक रोजगार दे रहा है। 21-22 में 1 लाख 56 हजार करोड़ का एक्सपोर्ट हमारा केवल 21-22 में ही पहुंच चुका है। उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा कि आप ओडीओपी तो नहीं दे पाए, मगर वन डिस्ट्रिक्ट वन मफिया जरूर दिया था। कौन सा जिला था जहां एक माफिया नहीं था। कहीं संगठित अपराध, कहीं खनन, कहीं वन माफिया था, ये हर आम आदमी यूपी का जानता है।

ओडीओपी आज दुनिया भर में लोकप्रिय
सीएम योगी ने आगे कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि हमारी सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की अभिनव योजना प्रदेश की एमएसएमई को देश के अंदर और दुनिया के अंदर प्रस्तुत किया। आज ये दुनिया की लोकप्रिय योजना बन चुकी है।

प्रधानमंत्री आज पूरी दुनिया में कहीं जाते हैं और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की प्रतिकृति उपहार में देते हैं तो कलाकार की कृति को वैश्विक मान्यता मिलती है। इसपर गौरव करने की जगह इसका उपहास उड़ाना अपने हस्तशिल्पियों का मजाक उड़ाने जैसा है। उन्हें हम हतोत्साहित कर रहे हैं, जबकि हमें उसे प्रोत्साहित करना चाहिए, वो हमारे विरासत का हिस्सा है। आपके लिए वो जाति का हिस्सा हो सकता है, हमारे लिए एक हस्तशिल्पी की कला को सम्मान देना है।

Yogi Adityanath, Uttar Pradesh budget session, Yogi lashed out at Akhilesh Yadav, UP budget, UP Global Investor Summit

जाति का मुद्दा उठाना ध्यान हटाने का प्रयास
सीएम ने आगे कहा कि आप बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की बात कर रहे थे न, 2012 से 17 के बीच क्या हुआ था हर कोई जानता है। 2016-17 में अनुसूचित जाति और जनजाति के 21 लाख 21 हजार 629 छात्र-छात्राओं की तत्कालीन सरकार ने छात्रवृत्ति रोक दी थी।

जब हमारी सरकार आई मार्च 17 में हमने दोनों साल का जोड़कर स्कॉलरशिप दिया था। यही लोग दलितों, गरीबों, वंचितों, पिछड़े के हक पर डकैती डालने का काम करते थे, जब कुछ नहीं होता तो जाति जाति चिल्लाने का काम करते हैं। कोई मुद्दा न मिले तो जाति का मुद्दा उठाकर समाज के ध्यान को हटाने का प्रयास किया जाता है।

हर क्षेत्र में हुई है प्रगति
उन्होंने प्रदेश की उन्नति का हवाला देते हुए कहा कि 2016-17 के बजट में राज्य के रेवेन्यू का केवल 33 फीसदी का योगदान था। आज ये कांट्रिब्यूशन 44 फीसदी है। 16 -17 में वित्तपोषण 20 फीसदी था जो 23-24 में 16 प्रतिशत हो गया है।

आत्मनिर्भर बजट हो गया है। पहले 8 प्रतिशत राशि ऋणों के ब्याज में चुकता हो जाती थी, आज ये घटकर साढ़े 6 फीसदी तक आ गया है। इन्फ्रा और रोजगार 2016 से तुलना करें तो ये दोगुने से ज्यादा हो गया है। आज प्रदेश के अंदर 1 लाख 56 हजार करोड़ की राशि कैपिटल एक्सपेंडीचर पर खर्च हो रही है।

Follow Us
Show More

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: