UP News: हमने खूब पसीना बहाया तब बदला परसेप्शनः सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में बजट पर चर्चा करते हुए गिनाईं सरकार की उपलब्धियां
-कहा- यूपी में 35 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव टीम यूपी की 6 साल की मेहनत का नतीजा
-पूर्वांचल और बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों से भी भारी निवेश मिलना यूपी की सबसे बड़ी सफलता हैः सीएम
-पहले यूपी का इन्वेस्टर्स समिट दिल्ली-मुम्बई में होता था, क्योंकि यूपी में कोई नहीं आता थाः योगी आदित्यनाथ
-हमारे पास समाधान करने वाली टीम है, हम वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते हैं और वो जाति की बात करते हैः सीएम योगी
लखनऊ। बजट पर विधान सभा में विपक्ष को करारा जवाब देने के बाद गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में बजट पर चर्चा करते हुए सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उनका फोकस फरवरी में संपन्न हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर रहा। उन्होंने कहा कि हमने फरवरी 2018 में यूपी इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था।
2023 में फिर से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट किया गया। पहले जहां 4.68 लाख करोड़ के प्रस्ताव आते थे, आज उसी यूपी में 35 लाख करोड़ के प्रस्ताव आए हैं। केवल एनसीआर तक ही ये सीमित नहीं है, पूर्वांचल और बुंदेलखंड में लाखों करोड़ के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसके लिए अभियान चलाना पड़ा। 6 साल तक टीम यूपी लगातार काम करती रही, पसीना बहाया तब परसेप्शन बदला। हमारे पास आज बेहतर कनेक्टिविटी है, एक्सप्रेस-वे, रेल नेटवर्क, एयर नेटवर्क है। हमने सेक्टोरल पॉलिसी बनाई और उसमें कार्ययोजना बनाकर अपने परिश्रम को आगे बढ़ाया। पॉलिसी बनाई गई, एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स बनाकर, 64 हजार हेक्टेयर भूमि का लैंडबैंक बनाकर भूमाफियाओं से मुक्त कराया। परिणाम हमारे सामने है।
विदेशों से लेकर प्रदेश के पिछड़े इलाकों तक से आ रहा निवेश
सीएम योगी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए सरकार की ओर से किए गए प्रयासों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस बार हमारे डिप्टी सीएम और वरिष्ठ मंत्रीगण जिस देश में गए उनका हर जगह सम्मान के साथ स्वागत हुआ। हमारी टीम दुनिया के 16 देशों और भारत के आठ शहरों में से बड़े पैमाने पर निवेश लेकर आई। हमारे जनप्रतिनिधियों ने यूपी के हर जिले में निवेशक सम्मेलन किए।
यूपी की ये सबसे बड़ी सफलता है कि जहां 75 जनपद कवर हो रहे हैं तो वहीं सबसे पिछड़े इलाके पूर्वांचल और बुंदेलखंड से भी भारी निवेश हुआ है। पहले यूपी के इन्वेस्टर्स समिट लखनऊ में न होकर दिल्ली और मुम्बई में होते थे। पूछा जाता था कि यूपी में क्यों नहीं करते तो जवाब मिलता था कि यूपी में कोई नहीं आएगा।
यूपी की अर्थव्यवस्था में विकास को दिखाता है ये बजट
सीएम योगी ने कहा कि भाजपा 5 साल तक प्रदेश में सफलतापूर्वक शासन करने के बाद फिर से दो तिहाई बहुमत के साथ प्रदेश की सत्ता में आई है। 2016 का बजट 3.29 लाख करोड़ का था। 2017 में 3.40 लाख करोड़ का बजट था। आज 6 साल बाद हमने 6.90 लाख करोड़ का बजट सदन में पेश किया, जो प्रदेश के 25 करोड़ जनमानस की आकांक्षाओं के अनुरूप है।
ये बजट यूपी की अर्थव्यवस्था में विकास को दिखाता है। प्रदेश के अंदर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में हमें सफलता प्राप्त हुई है। प्रधानमंत्री ने 2014 में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का मंत्र दिया था। वही इस सरकार की सफलता का मूल मंत्र है। गांव, गरीब, महिला, किसान युवा सबको एक साथ जोड़ते हुए प्रत्येक क्षेत्र में विकास दिखाई दे रहा है।
कभी युवाओं के सामने पहचान का संकट था, संगठित अपराध के माफिया की पैरलल सत्ता चलती थी। बेटियां सुरक्षित नहीं थीं, किसान आत्महत्या कर रहे थे। आज यूपी का नौजवान जहां जाता है वहां सम्मान प्राप्त करता है। भारत के हृदय स्थल यूपी के हर गांव, मोहल्ले, जनपद में विकास देखने को मिल रहा है।
हम विकास की बात करते हैं, वो जाति की बात करते हैं
सीएम योगी ने एक बार फिर विपक्ष को घेरते हुए कहा कि मैंने कल भी कहा था कि समस्या के समाधान के दो रास्ते होते हैं, या तो उसमें भाग लो या उससे भाग लो। हमारे पास समाधान करने वाली टीम है। जब हम वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते हैं तो वो जाति की बात करते हैं। जब हम ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की बात करते हैं तो वह जाति की बात करते हैं।
जब हम बजट की बात करते हैं तो वो जाति की बात करते हैं। ये सब जानते हुए कि इसी कारण ये यूपी के नौजवानों के सामने पहचान का संकट खड़ा हुआ था। इस संबंध में एक बड़े विद्वान ने कहा था कि समस्या का समाधान इस बात पर निर्भर करता है कि आपका सलाहकार कौन है। दुर्योधन का सलाहकार शकुनि था और अर्जुन के सलाहकार श्रीकृष्ण थे।
हमेशा दुनिया को परिवार माना है
सीएम ने जी-20 के आयोजन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जी-20 के दो सम्मेलन यूपी में हो चुके हैं। यह दुनिया के 20 बड़े देशों का संगठन है। इनका दुनिया की 65 फीसदी आबादी, 75 फीसदी ट्रेड, 85 फीसदी से अधिक जीडीपी और 90 फीसदी रिसर्च पर अधिकार है। आजादी के अमृत वर्ष में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत उसकी अध्यक्षता कर रहा है।
आगरा और लखनऊ में इसके दो सम्मेलन हो चुके हैं। 20 बड़े देशों, भारत के 9 मित्र देश और 7 अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया। आवभगत से वे सभी अभिभूत थे। हमने वसुधैव कुटुम्बकम के भाव के साथ हमेशा दुनिया को परिवार माना है।