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यूपी: टल सकता है निकाय चुनाव, फैसले का अंतिम दिन कल

अधिसूचना जारी करने पर लगी रोक भी आज तक के लिए बढ़ा दी गई थी।

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में यूपी के स्थानीय निकाय चुनाव में अन्‍य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण लागू किए जाने के मामले की अंतिम सुनवाई जारी है। अदालत में बुधवार तक 51 जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। हालांकि, समय की कमी के वजह से सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। जस्टिस डी. के. उपाध्याय और जस्टिस सौरभ लवनिया की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई गुरुवार यानी आज नियत की है। साथ ही अधिसूचना जारी करने पर लगी रोक भी आज तक के लिए बढ़ा दी गई थी।

जानकारी के लिए बता दें कि 25 दिसंबर यानी रविवार से कोर्ट में विंटर वेकेशन शुरू हो रहा है। ऐसे में अगर नगर निकाय चुनाव की सुनवाई शुक्रवार तक पूरी होकर फैसला नहीं आया तो फिर इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी। इस कारण निकाय चुनाव लंबा टलने की संभावना है।

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चुनाव आयोग की तैयारियां पूरी, फैसले का इंतजार

वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अगर अदालत का फैसला आने में वक्त लगता है तो प्रदेश में निकाय चुनाव अगले साल मार्च-अप्रैल के दौरान होने की संभावना है। हालांकि, दूसरी तरफ चुनाव आयोग कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रहा है। बताया जा रहा है कि चुनाव को लेकर आयोग ने अपनी ओर से तैयारियां पूरी कर ली हैं। अगर अदालता का फैसला आता है तो आयोग एक से दो दिनों में भी चुनाव की घोषणा कर सकता है।

एक ही जैसे मुद्दों पर सभी आपत्तियां

हालांकि, इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल किया जा चुका है, जिस पर याचियों के वकीलों ने प्रति उत्तर भी दाखिल कर दिए हैं। रायबरेली के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडेय के अलावा 51 याचिकाएं और वार्ड आरक्षण को लेकर दाखिल की जा चुकी हैं। फिलहाल, वकीलों का मानना है कि सभी याचिकाएं एक ही जैसे मुद्दों की आपत्तियों पर हैं, इसलिए इसको एक साथ ही सुना जा रहा है। इन याचिकाओं में सरकार के रैपिड सर्वे के आधार पर तैयार OBC आरक्षण को चुनौती दी गई है।

 

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