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यूपी: प्रदेश के इस जिले से गया आपसी भाईचारे का सन्देश, राम जानकी मंदिर और जामा मस्जिद से हटे लाउडस्पीकर
मंदिर के पुजारी संत मोहन दास और मस्जिद के इमाम हाफिज मोहम्मद ताज आलम ने बताया कि संयुक्त रूप से दर्शकों से लगे लाउडस्पीकर को हटाने का फैसला किया
झांसी: बुंदेलों की धरती कहीं जाने वाली झांसी से प्रदेश ही नहीं देश के लिए एक बड़ा संदेश उस वक्त गया जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपील पर झांसी स्थित राम जानकी मंदिर के पुजारी और जामा मस्जिद के इमाम ने आपसी भाईचारे का संदेश देते हुए आपसी रजामंदी से लाउडस्पीकर को हटा दिया। बता दें कि मंदिर के पुजारी संत मोहन दास और मस्जिद के इमाम हाफिज मोहम्मद ताज आलम ने बताया कि संयुक्त रूप से दर्शकों से लगे लाउडस्पीकर को हटाने का फैसला किया ताकि समाज में एक सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश भेजा जा सके।
आपको बता दें कि झांसी के बड़ा गांव कस्बे के गांधी चौक पर राम जानकी मंदिर और जामा मस्जिद आस पास ही स्थित है। इतना ही नहीं मंदिर में सुबह उस वक्त लाउडस्पीकर से आरती की जाती थी जब मस्जिद में पांच वक्त की अजान की परंपरा दशकों से होती आ रही थी। मंदिर के पुजारी संत मोहन दास ने बताया कि आपसी भाईचारे का बड़ा संदेश देने के लिए फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि आप बिना लाउडस्पीकर के सुबह शाम आरती की जा रही है वहीं भजन का कार्यक्रम भी शांति ढंग से किया जा रहा है।
वही जामा मस्जिद के इमाम हाफिज ताज आलम ने कहा कि अब पांच वक्त की नमाज बिना लाउडस्पीकर के की जा रही है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि दोनों धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को करवाना समय की मांग थी।हम आपसी भाईचारे में रहते आए हैं और आगे रहते रहेंगे और इन दोनों के बीच में लाउडस्पीकर बाधा ना बने इसके लिए आपसे सहमत से इन को बंद किया गया है। मैं दुआ करता हूं यह सवाल पूरे देश में बना रहे और लोग शांति से रहे। उन्होंने कहा है कि झांसी की यह तो धार्मिक स्थलों से यह संदेश उस वक्त क्या है जब पूरे देश में लाउडस्पीकर को लेकर घमासान मचा हुआ है।