
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बहुजन समाजवादी पार्टी अपने ढांचे को पूरी तरह बदलने की कवायद में जुटी नजर आ रही है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की बढ़ती सक्रियता के बाद मायावती कीर्ति छवि नहीं है उन को झकझोर कर रख दिया है। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार की गाज मायावती ने सतीश चंद्र मिश्रा पर गिराई है। जबकि विधानसभा चुनाव में पार्टी की तरफ से सबसे बड़े ब्राह्मण चले के तौर पर सतीश मिश्रा पूरी जी जान से जुटे थे। इतना ही नहीं सतीश चंद्र मिश्रा कानून को संभालने के साथ-साथ संगठनात्मक मामलों में प्रमुख स्तंभ हुआ करते थे।
विधानसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश की 2 लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में पार्टी की तरफ से जारी के साथ सड़कों की सूची में से सतीश मिश्रा को हटा दिया था उसमें साफ संदेश दिया गया था कि आशीष मिश्रा के पर कतरने की तैयारी मायावती ने शुरू कर दी। वहीं राजधानी लखनऊ में पार्टी के सभी शीर्ष पदाधिकारियों राज्य पदाधिकारियों की बैठक के लिए लेकिन सतीश चंद्र मिश्रा को नजरअंदाज किया। वहीं वरिष्ठ पत्रकार रतनवा ने बताया कि मायावती सतीश चंद्र मिश्रा की जगह किसी नए चेहरे की तलाश में हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मायावती किसी बड़े दलित नेता की ताजपोशी कर सकती हैं। क्योंकि लगातार सतीश मिश्रा के एक्टिव न लेने को लेकर हमेशा उनकी स्वास्थ्य का हवाला दिया जाता है लेकिन वरिष्ठ पत्रकार का कहना है कि यदि मायावती ब्राह्मण चेहरे को साइडलाइन कर किसी दलित चेरी की ताजपोशी कर देते हैं इसमें कोई हैरानी नहीं होगी।