
लखनऊ: कहते हैं कि भाग्य समय पर ही खुलता है। ऐसा ही नजारा कुछ आज शपथ ग्रहण समारोह के दौरान देखने को मिल सकता है। लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाली भारतीय जनता पार्टी के समीकरणों ने कई विधायकों के लिए संभावनाओं के द्वार जरूर खोल दिए। भाजपा विधायक दल की बैठक में उपमुख्यमंत्री के संबंध में स्पष्ट हो जाएगा लेकिन केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित शाह की मौजूदगी में संपन्न हुई बैठक में ऐसा कुछ नहीं हुआ और ना ही मुख्यमंत्रियों को लेकर कोई घोषणा हुई। अब संशय है तो उसके बीच संभावनाएं भी है कि उप उप मंत्री के रूप में केशव प्रसाद मौर्य और डॉ दिनेश शर्मा फिर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहयोगी बन सकते हैं।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में जीत के बाद से ही योगी मंत्रिमंडल को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं और इन दोनों मुख्यमंत्रियों के नाम के पीछे अपने अपने राजनीतिक के तर्क भी हैं। प्रचंड जीत के बाद अब चर्चा इस बात की है कि उत्तर प्रदेश में अब उप मुख्यमंत्री कौन बनेगा क्योंकि केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी विधानसभा किस सिराथू से चुनाव हार गए हैं तो वही दिनेश शर्मा को संगठन में भेजने की चर्चा चल रही है और उन्होंने चुनाव भी नहीं लड़ा है।