
यूपी सरकार ने पेश किया मिनी बजट,सभी वर्गों को साधने की कोशिश
उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने पहले अनुपूरक बजट को पूरी तरह चुनावी चाशनी से भर कर अपनी उम्मीदें बढ़ाने का दांव चल दिया है। वित्त वर्ष 2021-22 के 7,301.51 लाख करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट का बड़ा जोर मानदेय पर काम करने वाले सूबे के करीब दस लाख नाराज फील्डकर्मियों को पुचकारने, प्रबुद्ध वकीलों को खुश करने, खिलाड़ियों-युवाओं को साधने व अपने फ्लैगशिप प्रोग्राम से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को रफ्तार देने पर रहा है।
योगी सरकार ने अयोध्या व बनारस के जरिये अपने धार्मिक व सांस्कृतिक एजेंडे पर भी फोकस बनाए रखा है। यूपी के कर्मचारी पिछले चार वर्षों से महंगाई व तमाम तरह की मुश्किलों का हवाला देकर पारिश्रमिक बढ़ाने की गुहार लगा रहे थे। सुनवाई न होने पर योगी सरकार को चुनाव में सबक सिखाने की चेतावनी देने लगे थे।
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ये वे कर्मी हैं जो विधानसभा चुनाव में BLO के रूप में वोट घटाने-बढ़ाने से लेकर मतदान संपन्न कराने तक में अहम भूमिका निभाते हैं। इन कर्मियों को बढ़ा मानदेय सितंबर में जुड़कर मिलेगा और अक्तूबर से भुगतान होगा। योगी सरकार को इस निर्णय से प्रति वर्ष लगभग 576 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय भार आएगा। योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से कर्मिकों के मानदेय में एक हजार की वृद्धि का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है पर आवंटित बजट के हिसाब से यह वृद्धि 1 हजार तय मानी जा रही है।