
यूपी सरकार ने इन 11 जिलों को दी नई लैब की सौगात, डेल्टा प्लस वेरिएंट की जांच होगी
यूपी में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने छोटे जिलों में भी जांच के लिए नई लैब तैयार करवाई हैं. सीएम योगी ने सोमवार को 11 नए जनपदों में BSL-2 लैब शुरू करने का निर्देश दिया है. अब औरैया, महोबा, बुलंदशहर, अमेठी, सिद्धार्थनगर, देवरिया, बिजनौर, कासगंज, मऊ, कुशीनगर और सोनभद्र में RTPCR जांच हो सकेगी. यूपी में इन नई लैब से एक ओर जांच की संख्या में तेजी से इजाफा होगा, वहीं बीमारी को मात देने में भी सरकार को मदद मिलेगी.
इन नई आरटीपीसीआर टेस्ट लैब के संचालन से प्रदेश के 45 जनपदों में लैब हो जाएंगी. वहीं 3 से 4 महीने के अंदर यूपी के अन्य 30 जिलों में भी ऐसी लैब स्थापित करने का निर्देश सीएम ने दिया है. बता दें कि प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में 125 और निजी क्षेत्र में 104 लैब क्रियाशील थीं. अब इन नई लैब के बढ़ने से कोरोना की जांच तेजी से होगी और संक्रमण पर लगाम लगने के साथ ही कोरोना महामारी के नए वेरिएंट की पहचान हो सकेगी.
महानिदेशक डॉ डीएस नेगी ने बताया कि बुलंदशहर लैब में जांच शुरू हो गई है. वहीं इन जनपदों में से 6 जनपदों को ICMR से मंजूरी मिल गई है, शेष 5 जनपदों को भी मंजूरी मिलते ही शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सीएम योगी के निर्देश से प्रदेश के सभी जनपदों में BSL-2 लैब के संचालन की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है. इन नई लैब से प्रदेश के कुल 45 जनपदों में आरटीपीसीआर की जांच तेजी से की जा सकेगी.
सर्वाधिक आबादी वाले यूपी में बीते 24 घंटों में 2 लाख 63 हजार कोरोना की जांच की गई. प्रदेश में अब तक 5 करोड़ 73 लाख 48 हजार 462 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं. यूपी में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के महज 190 नए केस सामने आए हैं. जो बीते चार माह में संक्रमण के सबसे कम मामले हैं. प्रदेश में अब कुल एक्टिव केस की संख्या 3,046 रह गई है. प्र
देश के 11 राज्यों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ से संक्रमित मरीजों की पुष्टि होने से CM ने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर काम करने का निर्देश दिया है. जिसके तहत अब यूपी में कोविड के डेल्टा प्लस वैरिएंट की गहन पड़ताल के लिए अधिक से अधिक सैम्पल की जीनोम सिक्वेंसिंग हो इस बात पर अधिक जोर दिया जा रहा है. सरकार ने प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग के दायरे को बढ़ाते हुए BHU, KGMU, सीडीआरआई, आईजीआईबी में जीनोम परीक्षण की व्यवस्था की है. जिससे अब प्रदेश में संक्रमण के नए वेरिएंट का परीक्षण आसानी से किया जा सकेगा. प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू बेड की संख्या 5900 से अधिक हो गई है.