
लखनऊ : उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अभी तक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बीच गठबंधन की बात नहीं हो पाई। बताया जा रहा है कि चाचा और भतीजे के बीच में जारी विवाद नेता जी के जन्मदिन पर समाप्त हो सकता है। वही शिवपाल सिंह यादव नेताजी के जन्मदिन को अंतिम उम्मीद के तौर पर देख रहे हैं जो आगामी 22 नवंबर को है। क्योंकि उस दिन पूरा परिवार एक होगा और नेता जी उस दिन एक शुभ संकेत दे सकते हैं।
गौरतलब है कि 12 अक्टूबर को अखिलेश यादव ने कानपुर से विजय रथ यात्रा तो शिवपाल सिंह यादव ने मथुरा वृंदावन से सामाजिक परिवर्तन यात्रा निकाल कर प्रदेश में चुनावी बिगुल फूंक दिया है। लेकिन 15 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद दोनों के रास्ते अलग-अलग हैं। उम्मीद जताई जा रही है क्या आगामी 22 नवंबर को चाचा और भतीजे की गाड़ी एक ही प्लेटफार्म पर रुकेगी या समानांतर चलती ही रहेगी। समाजवादी पार्टी में एक दौर था जब पार्टी में शिवपाल सिंह यादव की हनक चलती थी 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी सिंह की दूरियां बढ़ गई और उन्होंने एक नए दल का गठन किया जिसके बाद तमाम समाजवादियों ने उस पार्टी की सदस्यता ली ।
सूत्रधार की भूमिका में मुलायम सिंह
अपने जन्मदिन के अवसर पर मुलायम सिंह यादव सूत्रधार की भूमिका में नजर आ सकते हैं। बता दें कि शिवपाल ने अपने बेटे आदित्य को जसवंत नगर सीट से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है जहां से मुलायम और शिवपाल दोनों ही चुनाव लड़ चुके हैं वही श्रीपाल कॉल संभल की सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। वही गठबंधन पर अखिलेश यादव ने बयान दिया कि समाजवादी विचारधारा की छोटी पार्टियों से गठबंधन होगा।