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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कॉग्रेस को लगातार जटके लग रहे है | इसी क्रम में आज एक बार फिर चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पूर्व मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के करीबी राजेंद्र रेजा ने गुरुवार को उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे 11 दिन पहले टिकट न मिलने से नाराज महानगर अध्यक्ष अरविंद वशिष्ठ ने भी पार्टी छोड़ दी थी।
उन्होंने यूपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को इस्तीफा भेजा है। मगर, इसमें उपाध्यक्ष पद छोड़ने का कारण नहीं है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी में वर्तमान में चल रहे हालातों से वे खफा थे।
पूर्व मंत्री के राजनीतिक गुरु कहे जाते हैं रेजा
बता दें कि 72 साल के राजेंद रेजा 1969 से राजनीति में सक्रिय हैं। वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य, जिला महामंत्री समेत अन्य पदों पर तैनात रहे हैं। उन्हें पूर्व मंत्री प्रदीप जैन आदित्य का राजनीतिक गुरु कहा जाता है। रेजा ने कहा कि अभी सिर्फ उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहेंगे।
एक दिन पहले ही नियुक्त हुए जिलाध्यक्ष और शहर अध्यक्ष
जिलाध्यक्ष भगवानदास कोरी के मऊरानीपुर सीट से प्रत्याशी बनाए जाने और महानगर अध्यक्ष अरविंद वशिष्ठ के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद दोनों पद खाली थे। बुधवार शाम मनोज गुप्ता को शहर अध्यक्ष और बलवान सिंह यादव को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके अगले दिन ही पार्टी के वरिष्ठ नेता रेजा ने उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया।
दोनों पूर्व मंत्री के करीबी
बता दें कि पूर्व मंत्री प्रदीप जैन ने अरविंद वशिष्ठ के लिए झांसी सदर सीट से टिकट मांगी थी। मगर, पार्टी ने राहुल रिछारिया को टिकट दे दिया। करीब 11 दिन पहले वशिष्ठ समेत अन्य लोगों ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। वशिष्ठ और रेजा दोनों ही पूर्व मंत्री के करीबी माने जाते हैं।