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UP Election 2022: चुनाव से पहले राजनीतिक दलों को आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने जारी किया मांग पत्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आठ लाख आरक्षण समर्थक कार्मिकों ने राजनीतिक दलों के लिए तीन सूत्रीय मांग पत्र जारी किया है। इस मांग पत्र को राजनीतिक दलों से अपने घोषणापत्र में शामिल करने की मांग उठाई है। आठ लाख कार्मिकों का कहना है कि जो दल इन मांगों को अपने घोषणापत्र में शामिल करेगा, उसकी वो सरकार बनायेंगे। रविवार को समिति के संयोजक मंडल ने राय मशविरा करने के बाद यह निर्णय लिया है। उन्होंने ऐलान किया है कि इस बार आरक्षण का समर्थन करने वाले दल की ही सरकार बनेगी। साथ ही दावा किया है कि प्रदेश में सत्ता की गारंटी बन चुकी 86 सुरक्षित विधानसभा सीटों पर उसी दल का राज चलेगा जो उनकी बात को सुनेगा और अपने घोषणापत्र में शामिल करेगा।

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति संयोजक मण्डल प्रान्तीय कार्यसमिति की रविवार को बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें प्रदेश के सभी जिलों के संघर्ष समिति संयोजकों और पदाधिकारियों से राय मशविरा लेकर समिति संयोजक मण्डल द्वारा विधान सभा चुनाव-2022 के लिये सभी राजनैतिक दलों के लिए अपना खुला मांग पत्र जारी किया गया है। जिसमें प्रस्तावित सभी तीन मांगों अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के कार्मिकों के लिए पदोन्नति में आरक्षण लागू करना, पिछड़े वर्ग के कार्मिकों के लिये पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था बहाल करना और निजी क्षेत्रों में सरकारी क्षेत्र की तरह आरक्षण की व्यवस्था लागू करना प्रमुख है। संघर्ष समिति ने सभी राजनैतिक दलों से कहा और यह पुरजोर मांग उठायी कि सभी राजनैतिक दल जो अपने को दलित व पिछड़े वर्ग का हितैषी कहते हैं, यदि सच्चे मायने में उनके हितैषी हैं तो संघर्ष समिति के खुले मांग पत्र में प्रस्तावित तीनों मांगों को अपने घोषणा पत्र शामिल करें। वहीं प्रदेश के 8 लाख आरक्षण समर्थक कार्मिकों ने पुनः हुंकार भरी और कहा इस बार प्रदेश में हर हाल में आरक्षण समर्थकों की सरकार बनाना है। वह दिन दूर नहीं जब सभी राजनैतिक दलों की यह मजबूरी होगी कि वह 85 प्रतिशत बहुजनों की आवाज पर उनके साथ खड़े हों, अन्यथा उन्हें आरक्षण समर्थक वोट की चोट से करारा जवाब देंगे।

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