
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के अंतिम चरण के मतदान के साथ योगी आदित्यनाथ सरकार व सभी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं का भविष्य ईवीएम में कैद हो गया है। अधिकृत रूप से यह 10 मार्च को पता चलेगा कि भाजपा सरकार आएगी या समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का भाग्य चमकेगा या फिर कांग्रेस या बसपा चमत्कार करेगी।
मगर, राजनीतिक गलियारों में तेजी से चर्चाएं गूंज रही है कि मिथकों को तोड़ रहे योगी आदित्यनाथ क्या उत्तर प्रदेश की सियासत में नया इतिहास रचने जा रहे हैं। अगर एग्जिट पोल के अनुमान सही होते हैं और भाजपा सत्ता में वापसी करती है तो उत्तर प्रदेश के अब तक के इतिहास में योगी ऐसे पहले मुख्यमंत्री के रूप में दर्ज हो जाएंगे, जो उत्तर प्रदेश के किसी विधानसभा में निर्धारित पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा कर फिर सत्ता में वापसी कर आएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा के ऐसे पहले नेता हो जाएंगे, जो लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे।
एक मिथक यह भी
उत्तर प्रदेश में अब तक माना जाता है कि नोएडा जाने वाले मुख्यमंत्री की कुर्सी सुरक्षित नहीं रहती, उसकी सत्ता में वापसी नहीं होती, इस कारण कुछ मुख्यमंत्री तो नोएडा जाने से बचते रहे। उद्घाटन शिलान्यास को लेकर कुछ कार्यक्रम के सिलसिले में वहां जाने की जरूरत पड़ी तो नोएडा न जाकर अगल-बगल के स्थान से इस काम को पूरा किया। ऐसे में योगी आदित्यनाथ नोएडा जाने से डरने के बजाय वहां कई बार गए। नोएडा जाने के बाद उन्होंने लगातार पांच साल मुख्यमंत्री रहकर एक मिथक तोड़ दिया, लेकिन अब देखना यह है कि वह दूसरा मिथक तोड़ पाते हैं या नहीं।