लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व कई राजनीतिक पार्टियां उत्तर प्रदेश चुनाव में कूद पड़ी है। बता दें कि इसी क्रम में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अकेले 403 विधानसभा सीटों में चुनाव लड़ने का फैसला किया है।बता दें कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की अध्यक्षता के एक उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया इसमें कहा गया कि पार्टी उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
लोजपा की तरफ से बुलाई गई बैठक में उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष मणिशंकर पांडे और उत्तर प्रदेश के जिला स्तर पर सभी कार्यकारी समिति के सदस्य मौजूद थे उन्होंने सर्व समिति से इसे अकेले जाने और सत्तारूढ़ भाजपा और समाजवादी पार्टी को चुनौती देने का फैसला किया है।आपको बता दें कि 2020 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में लोजपा ने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ा था | लेकिन केवल एक ही सीट जीत पाई थी। लेकिन निराशाजनक प्रदर्शन के बाद केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस सांसद प्रिंस राज पासवान बाहुबली नेता सूरजभान सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने चिराग पासवान की नीतियों की आलोचना के बाद पार्टी को विभाजित कर दिया।
वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह दल उत्तर प्रदेश में उच्च जातियों की पार्टी माने जाने वाली भाजपा के लिए आदर्श है। उन्होंने कहा कि लोजपा और हम की मौजूदगी समाजवादी पार्टी बहुजन समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के वोट काटेगा जो यादव मुस्लिम और दलित मतदाताओं पर निर्भर है।