लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आप 2 माह का समय शेष बचा है। जिसको देखते हुए समाजवादी पार्टी अपनी पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में जुट गई है। वही आज समाजवादी के गण मैनपुरी में आठवें चरण की विजय यात्रा लेकर मैनपुरी से एटा को हरी झंडी दिखाने के बाद मैनपुरी मैं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के द्वारा की गई जनसभा में समाजवादी के पक्ष में माहौल बनाया लेकिन इस रैली में अखिलेश ने चाचा शिवपाल यादव से दूरी बनाई।
आपको बता दें कि राजनीति के कुछ जानकारों का मानना है कि गठबंधन को लेकर अखिलेश और शिवपाल के बीच अभी खींचतान जारी है। राजनीतिकारों का मानना है कि मैनपुरी में प्रचार कर रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को चाचा शिवपाल के साथ होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। वहीं कुछ लोगों ने इसके पीछे की वजह यह बताई चाचा और भतीजे के अभी हाथ मिले हैं अभी दिल मिलना बाकी है।
गौरतलब है कि शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश से विलय की बात कर चुके हैं लेकिन उनमें कितने लोगों को टिकट मिलेगा इस पर अभी दोनों के बीच पेच फंसा हुआ है। बताया जा रहा है कि अखिलेश ने शिवपाल के बेटे अंकुर यादव को टिकट न देने की बात कही लेकिन कहा यह गया है कि यदि सरकार बनती है तो उन्हें कहीं ना कहीं जगह दे दी जाएगी।
वहीं दूसरी खबर यह भी है कि शिवपाल सिंह यादव ने अपने समर्थकों की लंबी लिस्ट अखिलेश यादव को भेजी है जिनके लिए भी टिकट चाहते हैं लेकिन अखिलेश यादव मात्र इकाई अंक की ही सीटें शिवपाल को देना चाहते हैं।