
लखनऊ: आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्य चुनावी मुद्दों से जनता को लुभाने में सभी विपक्षी पार्टी लगी हुई है। बता दें कि इस बार कि विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अपने पिछले साढे 4 साल के कार्यकाल तथा मुख्य रूप से प्रदेश की कानून व्यवस्था को मुख्य मुद्दा बनाने पर विचार कर रही है। बता दें कि एक देसी दौरे पर चुनावी माहौल जानने आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी मुख्यालय में क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रदेश महामंत्री और चुनाव प्रभारी से चुनाव प्रभारी और संगठन प्रभारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान अमित शाह ने प्रभारियों तथा सर प्रभारियों को हर जिले की विधानसभा सीट में जाकर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करने का एजेंडा सौंपा।
गौरतलब है कि सभी प्रभारियों से प्रभारियों जिला अध्यक्षों को विधानसभा से फीडबैक लेकर 12 नवंबर को बनारस में होने वाली बैठक में पेश करने को कहा गया है।
बता दें कि बैठक में अमीषा ने उनके क्षेत्र में सामाजिक और जातीय समीकरण पर भी बात की और तथा विपक्षी पार्टियों सपा बसपा और कांग्रेस की स्थिति के साथ छोटे दलों के प्रभाव का फीडबैक भी जाना जिसमें उन्होंने जाना भाजपा का मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी से होगा। सहारनपुर नोएडा बुलंदशहर कुछ अन्य जिलों में बस पलटी मुकाबले में हैं पश्चिम क्षेत्र में किसान आंदोलन के चलते संभावित नुकसान की भरपाई का विकल्प तलाशने का सुझाव दिया गया है इसलिए भारतीय जनता पार्टी बहुत जल्द गांव गांव में गांव चौपाल का आयोजन कर सकती है।
आपको बता दें पदाधिकारियों ने महंगाई डीजल पेट्रोल रसोई गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों से जनता की नाराजगी का मुद्दा उठाया। इन सब को नजरअंदाज करते हुए अमित शाह ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था और अपराध में कमी आई है इसको मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया जाएगा।