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UP Election 2022: पहले चरण का मतदान कल, कई मंत्रियों की साख दांव पर

राजनीतिक दलों ने साधा है जातीय गणित 

आगरा: यूपी चुनाव के पहले चरण के लिए 10 फरवरी को मतदान होना है। यूपी चुनाव के इस पहले चरण में पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर चुनाव होना है। पहले चरण में कुछ 623 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। पहले चरण के चुनाव की बात की जाए तो इसमें यूपी सरकार के कई मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है।
इस दौरान मथुरा से व‍िधायक और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, गाज‍ियाबाद से व‍िधायक और स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍य मंत्री अतुल गर्ग, आगरा कैंट से व‍िधायक और समाज कल्‍याण मंत्री जीएस धर्मेश, मुजफ्फरनगर सदर से व‍िधायक और कौशल व‍िकास मंत्री कप‍िल देव अग्रवाल, छाता से व‍िधायक और डेयरी मंत्री लक्ष्‍मी नारायण चौधरी, हस्‍त‍िनापुर से व‍िधायक और बाढ़ न‍ियंत्रण राज्‍य मंत्री द‍िनेश खटीक, अतरौली से व‍िधायक और खेल व युवा मामले के मंत्री संदीप स‍िंह, श‍िकारपुर से व‍िधायक और वन-पर्यावरण मंत्री अन‍िल शर्मा, थाना भवन सीट से व‍िधायक और गन्‍ना मंत्री सुरेश राणा की साख दांव पर लगी है।
पूर्व राज्यपाल और आगरा से प्रत्याशी बेबी रानी मौर्य,पूर्व मंत्री हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह, संगीत सोम, राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह, पंखुड़ी पाठक की किस्मत का फैसला भी पहले  चरण के चुनाव के दौरान ही होना है।
राजनीतिक दलों ने साधा है जातीय गणित 
पश्चिमी यूपी की बात की जाए तो यहां 27 फीसदी मुस्लिम आबादी है। 17 फीसदी जाट और तकरीबन 25 फीसदी दलितों की आबादी यहां पर हैं। जबकि 8 फीसदी राजपूत, 4 फीसदी गुर्जर और 7 फीसदी आबादी  यादवों की है। राजनीतिक दलों की ओर से टिकट के वितरण में इस जातीय समीकरण का खास ख्याल रखा गया है। सपा-आरएलडी गठबंधन ने 14 सवर्णों को टिकट दिया है जिसमें 8 ब्राह्मण हैं। 22 ओबीसी समाज के उम्मीदवार जिसमें तकरीबन 10 जाट समाज के लोगों को टिकट दिया गया है। वहीं 10 एससी और 12 मुस्लिम उम्मीदवारों पर भी दांव लगाया गया है।

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