लखनऊ: देश में एक ओर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर चुनावी सरगर्मी भी बढ़ रही है। इस बीच भारतीय निर्वाचन आयोग ने शनिवार को बैठक करते हुए बड़ा फैसला लिया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग ने चुनावी रैलियों, जुलूस और रोड शो पर लगी पाबंदियों को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया है। हालांकि, चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों को राहत भी दी है।
सियासी दलों को मिली ये राहत
चुनाव आयोग ने डोर-टू-डोर कैंपेन के लिए लोगों की संख्या 10 कर दी है, जो पहले पांच थी। इसके अलावा पहले चरण के लिए राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सार्वजनिक बैठकों के लिए 28 जनवरी से और चरण 2 के लिए एक फरवरी से छूट दी गई है। इसके तहत इंडोर में बैठक के लिए 500 या हॉल की क्षमता के अनुसार 50 फीसदी तक की मंजूरी दी है। हालांकि, इसके लिए जिला चुनाव आयोग से पहले मंजूरी लेना अनिवार्य होगा और कोरोना के नियमों का पालन करना भी जरूरी है। कैंपने करने की इजाजत सिर्फ सोशल मीडिया पर रहेगी। वहीं, कोविड प्रतिबंधों के साथ निर्दिष्ट खुले स्थानों पर प्रचार के लिए वीडियो वैन की अनुमति दे दी गई है।
चुनाव आयोग ने कोरोना के हालात की समीक्षा के बाद शनिवार को यह फैसला लिया है। बता दें कि आठ जनवरी को पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगाई थी। उन्होंने कहा था कि रिव्यू के बाद फैसला लेंगे। 15 जनवरी को रिव्यू के बाद बैन 22 जनवरी तक बढ़ा दिया गया था।