
आजमगढ़: आगामी 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के समय में नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसी दल बदल के सिलसिले में सबसे ज्यादा दलबदल करने वाले नेताओं में बसपा के नेता हैं। बता दें कि आजमगढ़ में बसपा के नेता और पूर्व ब्लाक प्रमुख अतरौलिया विधानसभा से चुनाव लड़े अखंड प्रताप सिंह ने मायावती को बड़ा झटका देते हुए निषाद पार्टी का दामन थाम लिया है। आजमगढ़ के उतर गया विधानसभा सीट में बसपा का गढ़ माना गया है यही कारण है कि अखंड प्रताप सिंह की पत्नी में पूर्व ब्लाक प्रमुख वंदना सिंह बलिया विधानसभा सीट से टिकट मांग रही है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति के हिसाब से आजमगढ़ के अतरौलिया विधानसभा सीट काफी मायने रखती है। क्योंकि इस सीट पर समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री बलराम यादव का कब जा रहा है वह अलग बात है कि बलराम यादव इस सीट पर लगातार कब्जा करने में नाकाम रहे लेकिन 2012 में उन्हें सीट अपने पुत्र संग्राम सिंह यादव के लिए छोड़ दिया।
समाजवादी पार्टी की बढ़ सकती है मुश्किल
गौरतलब है कि आजमगढ़ की उतरौला विधानसभा सीट समय और निषाद बहुल सीट। इस सीट पर पूर्व ब्लाक प्रमुख की सीधी नजर थी पूर्व ब्लाक प्रमुख हत्या के मामले में जेल में बंद है जिसके कारण उनकी पत्नी इस सीट से चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे इसी के तहत पूर्व ब्लाक प्रमुख ने अपनी पत्नी वंदना सिंह को निषाद पार्टी में शामिल कराया है। निषाद पार्टी में शामिल होने के बाद वंदना सिंह अब निषाद पार्टी से अतरौलिया विधानसभा सीट के लिए टिकट मांग रही हैं। अभी आते हैं कि अतरौलिया विधानसभा सीट में निषाद पार्टी अपने प्रत्याशी को टिकट देती है तो बीजेपी वहां से अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी इसके चलते पूर्व ब्लाक प्रमुख वंदना सिंह समाजवादी पार्टी और बसपा के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।