
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जहां एक तरफ विधानसभा चुनाव को 3 महीने से कम का समय बचा है वहीं राजनीतिक दल सत्ता पाने के लिए जोर आजमाइश में जुटे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी की निगाहें विधानसभा चुनाव के साथ-साथ विधान परिषद के लिए थोड़ी 35 सीटों पर भी हैं। आपको बता दें कि मार्च में विधान परिषद की 35 सीटें खाली हो जा रही है जिनमें ज्यादातर समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी उच्च सदन में अपनी ताकत बढ़ाने जा रही है इसी के चलते चुनाव निर्वाचन आयोग इन सीटों को भरने का काम विधानसभा चुनाव के बाद करता है या पहले इसको लेकर राजनीतिक गलियारे में तेजी से चर्चा हो रही है। वहीं राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि विधानसभा चुनाव से पहले विधान परिषद के चुनाव निर्वाचन आयोग करा सकता है। केंद्रीय निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव फरवरी और मार्च के बीच में कराने को लेकर योजना बना रहा है लेकिन विधान परिषद में स्थानीय निकाय क्षेत्र की 35 सीटों का कार्यकाल 7 मार्च 2022 को समाप्त हो रहा है अब ऐसे में देखना यह है कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग विधान परिषद या विधानसभा की सीटों पहले कराता है।
विधान परिषद में सबसे ज्यादा समाजवादी पार्टी की सीटें
गौरतलब है कि 2016 में हुए विधान परिषद चुनाव की समाजवादी पार्टी कितनी सीटों पर जीत हासिल की थी जिनमें 8 सीटों पर निर्विरोध जीत तय हुई थी मैं लखनऊ उन्नाव सीतापुर प्रतापगढ़ बांदा हमीरपुर आगरा फिरोजाबाद मेरठ गाजियाबाद मथुरा एटा मैनपुरी सीट के दोनों विधान परिषद सदस्य शामिल हैं 28 सीटों के चुनाव में 23 पर अपनी जीत हासिल की थी बसपा को दो कांग्रेस को एक सीट मिली थी जबकि 2 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी और भाजपा का सफाया हो गया था।