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UP Election 2022: भाजपा सरकार आते ही फिर से आ सकते है कृषि कानून- डीपी सिंह

इस आंदोलन ने व्यक्तिवादी राजनीति के मुकाबले मुददों की राजनीति को पैदा किया है

बुलंदशहरः कृषि कानूनों ,न्यूनतम समर्थन मूल्य,बिजली विधेयक, पराली जलाने आदि मुद्दों पर किसानों  की जीत हैं। अखिल भारतीय किसान सभा के केंद्रीय कमेटी सदस्य कामरेड डीपी सिंह ने ग्राम महमूदपुर में किसानों की पंचायत में कहा किसान आंदोलन ने जहाँ देश की कृषि,किसानों को बचाया है । वहीं देश मे लोकतंत्र,व भाईचारे की भी हिफाजत की है।इस आंदोलन ने व्यक्तिवादी राजनीति के मुकाबले मुददों की राजनीति को पैदा किया है।
 किसानों को सचेत करते हुए जाति धर्म के नाम पर बांटने वाली ताकतों को फिर से सत्ता में लौटने से रोकना होगा। अगर ये ताकते फिर से सत्ता में आ जाती हैं। तो वे फिर से किसान विरोधी कानून थोपने की कोशिश करेंगी। इसलिए जरूरी है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में किसान भाजपा की हार सुनिश्चित करें।
किसान सभा के संयुक्त सचिव चन्द्रपाल सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा मिशन उत्तर प्रदेश चलाने का निर्णय पहले ही ले चुका है। इसके तहत किसान संगठन गांव गांव जाकर भाजपा की मोदी,योगी सरकार की देशी विदेशी कंपनियों की साठगांठ को उजागर किया जाएगा। और किसान मजदूरों को जागरूक किया जाएगा कि यदि प्रदेश में भाजपा फिर से सत्ता में आई तो फिर से किसान विरोधी कानूनों को लेकर आ जायेगी और समाज के सदभाव को तहसनहस कर देंगी। पंचायत की अध्यक्षता जगवीर सिंह व संचालन वीरेंद्र सिंह लौर ने किया। इस अवसर पर पंचायत में चन्द्रपाल सिंह, श्रीकृष्ण शर्मा,गजेंद्र सिंह, वीरेंद्र सिंह लौर,विक्रम सिंह, जगवीर सिंह, तेजवीर सिंह, बुद्धा खां, राजेन्द्र सिंह, संजय सिंह,आदि ने भी विचार व्यक्त किया।

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